

मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर शनिवार तड़के हुए भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के पिता और दो बेटों समेत 6 लोगों की मौत हो गई। तेज रफ्तार ईको कार ट्रक में घुस गई। कार में दिल्ली से आगरा रामायण पाठ के लिए जा रहे लोग सवार थे। हादसे में दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हैं।
घर में छाया मातम
Mathura News: शनिवार तड़के यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जिले के बलदेव थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हो गया। दिल्ली से आगरा जा रही तेज़ रफ्तार ईको कार सामने चल रहे ट्रक में जा घुसी। टक्कर इतनी भयानक थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही 6 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक ही परिवार के पिता और दो बेटे शामिल हैं। जबकि मृतकों में तीन परिवारों के लोग थे। दो अन्य महिलाएं मृतक की पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हैं, जो अस्पताल में ज़िंदगी से जंग लड़ रही हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, घटना शनिवार तड़के करीब 3 बजे की है। हादसे के बाद का दृश्य बेहद हृदयविदारक था। कार का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक चुका था। कार में सवार लोग वाहन में ही फंसे रह गए। राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे। गैस कटर से कार को काटकर शवों और घायलों को बाहर निकाला गया।
हादसे की दर्दनाक तस्वीर
घटनास्थल की तस्वीरें भी सामने आई हैं जिनमें कार के अंदर और बाहर शव और घायल तड़पते हुए दिखे। एक युवक का शव आगे की सीट पर फंसा हुआ था, उसके दोनों हाथ बोनट पर टिके थे, जैसे उसने आखिरी पल में खुद को बचाने की कोशिश की हो।
मृतकों की पहचान
रामायण पाठ के लिए गांव आ रहा था परिवार
मृतक धर्मवीर के भाई ने बताया कि परिवार हर साल बटेश्वर (आगरा) में रामायण पाठ का आयोजन करता है। इस बार भी रविवार से पाठ शुरू होना था और सोमवार को भंडारे के साथ इसका समापन होना था। धर्मवीर और उनका परिवार दिल्ली के समयपुर बादली में हलवाई का काम करते थे और वहीं से कार में सवार होकर आगरा के लिए निकले थे। धर्मवीर पिछले 10 वर्षों से यह धार्मिक आयोजन कराते आ रहे थे। इस बार वह अपने बेटों, पत्नी, बेटी, भांजों और बेटे के दोस्त के साथ गांव आ रहे थे।
एसएसपी ने बताया हादसे का कारण
मथुरा के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसा चालक को झपकी आने के कारण हुआ। कार दिल्ली से आगरा जा रही थी। कार में 9 लोग सवार थे, जिनमें से 6 की मौत हो गई। घायल महिलाओं को तत्काल इलाज के लिए आगरा भेजा गया है। कार किसकी थी, इसका भी पता लगाया जा रहा है।”
एक धार्मिक यात्रा, जो कभी पूरी न हो सकी...
यह हादसा न सिर्फ एक भीषण दुर्घटना है, बल्कि यह एक धार्मिक भाव से भरे परिवार की वह यात्रा थी जो कभी मंज़िल तक नहीं पहुंच सकी। धर्मवीर और उनका परिवार हर साल जिस श्रद्धा से रामायण पाठ का आयोजन करता था, इस बार वही आयोजन उनके लिए अंतिम यात्रा बन गया।