

सुप्रसिद्ध कैंची धाम मेले को लेकर पुलिस और परिवहन विभाग अलर्ट मोड पर है। पढे़ं डाइनामइट न्यूज़ की पूरी खबर
कैंची धाम मेले को लेकर पुलिस अलर्ट (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
उत्तराखंड: सुप्रसिद्ध कैंची धाम मेले को लेकर प्रशासनिक और सुरक्षा तैयारियां जोरों पर हैं। बाबा नीम करौली महाराज की तपस्थली पर हर वर्ष 15 जून को लगने वाला यह भव्य मेला देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। पिछले कुछ वर्षों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और ट्रैफिक अव्यवस्थाओं के चलते यह मेला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। खासकर भीषण जाम की समस्या श्रद्धालुओं के साथ-साथ आम यात्रियों के लिए भी सिरदर्द बनती रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इन समस्याओं से निपटने के लिए इस बार पुलिस और परिवहन विभाग ने पहले से ही कमर कस ली है। प्रशासन का लक्ष्य इस वर्ष मेले को सुरक्षित, व्यवस्थित और जाम मुक्त बनाना है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए शासन से अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई है। मेला क्षेत्र और इसके आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में स्थायी और मोबाइल पुलिस टीमों की तैनाती की जाएगी, जो भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा निगरानी में जुटी रहेंगी।
सुप्रसिद्ध कैंची धाम
इसके अलावा ट्रैफिक नियंत्रण के लिए एक विशेष यातायात योजना बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत श्रद्धालुओं को कैंची धाम से पहले ही पार्किंग जोन में रोका जाएगा, जहां से उन्हें शटल सेवाओं के माध्यम से मेला स्थल तक पहुंचाया जाएगा
भीमताल, भवाली और नैनीताल में विशेष अस्थायी पार्किंग स्थल चिन्हित किए गए हैं। श्रद्धालु अपनी गाड़ियां इन पार्किंग स्थलों पर खड़ी कर सकेंगे। वहां से कैंची धाम तक प्रशासन द्वारा संचालित शटल वाहन उन्हें सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से ले जाएंगे।
आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा ने बताया कि मेले के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए टैक्सी यूनियनों और बस ऑपरेटरों के साथ बैठक की जा चुकी है। सभी ड्राइवरों को हिदायत दी गई है कि वे निर्धारित रूट और शटल संचालन नियमों का पालन करें। साथ ही, उन्हें यह भी कहा गया है कि वे बिना अनुमति मेला क्षेत्र में वाहन न ले जाएं।
बीते वर्षों में जाम के कारण स्थानीय व्यापारियों और आमजनों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार की योजना में स्थानीय लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है। आवागमन के लिए स्थानीय रूटों को खाली रखने, वैकल्पिक मार्गों के उपयोग और सूचना बोर्ड लगाने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
पुलिस और परिवहन विभाग की इस संयुक्त योजना को लेकर प्रशासन आश्वस्त है कि इस बार का मेला पहले की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित, व्यवस्थित और सुविधाजनक होगा। प्रशासन ने आम श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वे सहयोग करें, समय का पालन करें और शटल सेवाओं का उपयोग करें ताकि कोई भी अव्यवस्था उत्पन्न न हो।