स्वर्ग से पहले का नर्क: AI से तबाह होगी मिडिल क्लास की ज़िंदगी? गूगल के एक्सपर्ट ने की चौंकाने वाली भविष्यवाणी

जनरेटिव AI के बढ़ते प्रभाव ने अब वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, खासकर शिक्षित और पेशेवर तबकों में। गूगल के पूर्व चीफ बिज़नेस ऑफिसर मो गॉडेट ने चेताया है कि AI के तेज़ विकास से मिडिल क्लास की नौकरियों पर गहरा असर पड़ेगा। उन्होंने 2027 से शुरू होने वाले इस बदलाव को “स्वर्ग से पहले का नर्क” बताया है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 10 August 2025, 12:56 PM IST
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New Delhi: जनरेटिव AI के बढ़ते प्रभाव ने अब वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, खासकर शिक्षित और पेशेवर तबकों में। गूगल के पूर्व चीफ बिज़नेस ऑफिसर मो गॉडेट ने एक अहम चेतावनी दी है कि 2027 से शुरू होकर AI आधारित ऑटोमेशन कई उच्च स्तरीय नौकरियों को खत्म कर देगा, जिनमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर, चीफ एग्ज़िक्यूटिव और यहां तक कि पॉडकास्टर जैसे पेशे भी शामिल हैं।

‘स्वर्ग से पहले का नर्क’

मो गॉडेट ने 'Diary of a CEO' नामक पॉडकास्ट में कहा कि यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक भी होगा। उन्होंने इसे "स्वर्ग से पहले का नर्क" का टाइटल दिया, जहां समाज एक बड़े बदलाव से गुजरेगा। उनके मुताबिक, "यह बदलाव मानवता को नई दिशा देगा, लेकिन इससे पहले गहरा संकट लाएगा।"

तीन लोगों से चल रही AI कंपनी

गॉडेट, जो 2018 तक गूगल में एक ऊंचे पद पर थे, अब एक AI-सक्षम रिलेशनशिप स्टार्टअप Emma.love चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह कंपनी केवल तीन लोगों की टीम से संचालित हो रही है, जबकि पहले ऐसे कार्य के लिए करीब 350 सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की आवश्यकता होती थी। यह उदाहरण दिखाता है कि AI कैसे कार्यबल की संरचना को पूरी तरह बदल सकता है।

मिडिल क्लास आएगा चपेट में

गॉडेट का मानना है कि AI की इस क्रांति का सबसे बड़ा असर पढ़े-लिखे मिडिल क्लास पर पड़ेगा। जहां पिछली औद्योगिक क्रांतियों में मैनुअल लेबर प्रभावित हुआ था, वहीं अब मानसिक और पेशेवर कौशल आधारित नौकरियां खत्म हो सकती हैं। उन्होंने चेताया कि यदि कोई व्यक्ति दुनिया के शीर्ष 0.1% में नहीं आता है, तो उसकी आर्थिक प्रासंगिकता घट सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक ताने-बाने पर भी असर

गॉडेट के अनुसार, बेरोजगारी बढ़ने से न केवल आर्थिक समस्याएं आएंगी, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य संकट, सामाजिक अलगाव और उद्देश्यहीनता जैसी गंभीर समस्याएं भी सामने आ सकती हैं। लोग अपने पेशे से जीवन का अर्थ निकालते हैं, और जब वह आधार ही टूट जाएगा, तो समाज अस्थिर हो सकता है।

2040 के बाद का संभावित नया समाज

गॉडेट का मानना है कि 2040 के बाद एक नया समाज विकसित होगा, जहां लोग उपभोक्तावादी सोच से मुक्त होकर रचनात्मकता, समुदाय, आध्यात्मिकता और प्रेम को प्राथमिकता देंगे। वे सरकारों से यूनिवर्सल बेसिक इनकम (UBI) जैसे उपाय अपनाने और नैतिक AI विकास पर ध्यान देने की सलाह देते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट की स्टडी से समर्थन

गॉडेट की चेतावनी माइक्रोसॉफ्ट की हालिया रिपोर्ट से भी मेल खाती है, जिसमें बताया गया है कि AI 40 पेशों को पूरी तरह प्रभावित कर सकता है और कुछ को आंशिक रूप से। रिपोर्ट के अनुसार, तेजी से बढ़ती ऑटोमेशन प्रक्रिया वाकई में वैश्विक वर्कफोर्स को चुनौती दे सकती है।

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  • 10 August 2025, 12:56 PM IST