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Google DeepMind ने अपना नया AI मॉडल Genie 3 लॉन्च किया है, जो उपयोगकर्ताओं को केवल टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के ज़रिए इंटरैक्टिव और यथार्थवादी 3D वर्चुअल वातावरण बनाने की सुविधा देता है। यह शिक्षा, गेमिंग और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में क्रांति ला सकता है।
गूगल डीपमाइंड
New Delhi: AI और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में Google DeepMind ने एक नया मील का पत्थर छू लिया है। हाल ही में कंपनी ने अपने एडवांस वर्ल्ड मॉडल Genie 3 को पेश किया है, जो टेक्स्ट-टू-3D तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह मॉडल DeepMind के पिछले संस्करण Genie 2 का उन्नत रूप है, जिसमें पहले से कहीं अधिक इंटरैक्टिव, यथार्थवादी और कुशल विशेषताएं शामिल हैं।
टेक्स्ट से तैयार करें रियलिस्टिक 3D वर्ल्ड
Genie 3 की सबसे खास बात यह है कि यह उपयोगकर्ताओं को केवल टेक्स्ट प्रॉम्प्ट के माध्यम से एक पूरी 3D दुनिया बनाने की सुविधा देता है। उदाहरण के लिए, यदि आप प्रॉम्प्ट देते हैं "एक नीले आकाश के नीचे एक हरियाली से भरा जंगल", तो AI उस विवरण के आधार पर एक सजीव 3D वातावरण तैयार कर देता है।
यह मॉडल पूर्व-निर्मित तत्वों पर निर्भर नहीं करता, बल्कि AI खुद से पूरी दुनिया का निर्माण करता है। कैमरा मूवमेंट के दौरान यह याद रखता है कि कौन-सी वस्तुएं कहाँ थीं, जिससे उपयोगकर्ताओं को एक सहज और रियल-टाइम अनुभव मिलता है। Genie 3 अब 720p रेजोल्यूशन पर वातावरण प्रस्तुत कर सकता है और पहले की तुलना में ज्यादा समय तक स्मृति बनाए रखता है।
नई तकनीकी खूबियाँ
Genie 3 में एक नई विशेषता ‘प्रॉम्प्टेबल वर्ल्ड इवेंट्स’ जोड़ी गई है। इसके जरिए उपयोगकर्ता मौसम परिवर्तन, दिन-रात का बदलाव या नए पात्रों को दुनिया में जोड़ सकते हैं।
इसके अलावा, यह मॉडल लगभग 1 मिनट तक विज़ुअल इनपुट को याद रख सकता है, जो कि Genie 2 की तुलना में बहुत बड़ा सुधार है। इससे लंबी और इंटरएक्टिव बातचीत संभव हो पाती है।
केवल मनोरंजन नहीं, शिक्षा और रोबोटिक्स में भी उपयोगी
Google का मानना है कि Genie 3 केवल गेमिंग और मनोरंजन के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षा, रोबोटिक्स प्रशिक्षण और वैज्ञानिक रिसर्च जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है। छात्र जटिल विषयों को विज़ुअली समझ सकते हैं, वहीं रोबोटिक्स में AI को विभिन्न वातावरणों में प्रशिक्षित किया जा सकता है।
सीमित प्रीव्यू में उपलब्ध
फिलहाल Genie 3 को आम जनता के लिए जारी नहीं किया गया है। इसे एक ‘प्रीव्यू वर्जन’ के रूप में कुछ चुनिंदा शोधकर्ताओं को उपलब्ध कराया गया है, ताकि इसकी क्षमताओं और सीमाओं का गहराई से मूल्यांकन किया जा सके।
Google DeepMind का कहना है कि अभी मॉडल की कुछ सीमाएँ हैं, जैसे कि अस्पष्ट टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स पर AI का सही से प्रतिक्रिया न देना। लेकिन कंपनी इसे सुधारने और भविष्य में इसे और अधिक उपयोगकर्ताओं के लिए जारी करने की योजना बना रही है।