Ambedkar Jayanti 2025: कब और किसने मनाई पहली बार अंबेडकर जयंती? यहां जानिए इस खास दिन के बारे में सबकुछ

सोमवार को पूरे भारत में अंबेडकर जयंती मनाई जाएगी। ऐसे में जान लीजिए कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य और इतिहास क्या है ? जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 11 April 2025, 3:01 PM IST
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नई दिल्लीः भीमराव अंबेडकर को भारत का बच्चा-बच्चा जानता है, इनके जीवन परिचय से हर कोई वाकिफ है। यह एक राजनीतिज्ञ, लेखक और समाज सुधारक थे। अंबेडकर ने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों से होने वाले सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, भारत में हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। यह खास दिन भारतीय संविधान के जनक डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में हर साल उनकी जयंती मनाई जाती है। 

भारत में बड़े धूम-धाम से भीमराव अंबेडकर की जयंती को सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल भारत में उनकी 135वीं जयंती मनाई जाएगी। बता दें कि इस दिन भारत में सरकारी छुट्टी होती है और कई जगहों पर अंबेडकर की रैली निकाली जाती है। वहीं, भारत के नेता इस दिन इन्हें श्रध्दांजलि अर्पित करते हैं। आइए फिर आपको अंबेडकर जयंती के इतिहास और महत्व के बारे में बताते हैं। 

अंबेडकर जयंती का महत्व 
भारत में इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में भाईचारा, समानता और न्याय के विचारों को बढ़ना है और इसके लिए लोगों को जागरुक करना है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान के निर्माणकर्ता है। भारत में एक बेहतर संविधान के लिए अंबेडकर को पूरी तरह से योगदान दिया जाता है। 

अंबेडकर जयंती का इतिहास 
क्या आप जानते हैं कि भारत में पहली अंबेडकर जयंती कब मनाई जाती है। तो बता दें कि भारत में पहली अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल 1928 में मनाई गई थी। इसकी पहल जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने की थी और तब से ही यह जयंती मनाई जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह जयंती भारत के अलावा कई अन्य देशों में भी मनाई जाती है। 

Published : 
  • 11 April 2025, 3:01 PM IST