

उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पानी के संकट पर आज उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री महेन्द्र सिंह कड़े कदम उठाने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि जिन लोगों ने तालाबों, पोखरों और कुओं आदि पर कब्जा कर रखा है उनसे जमीनों को कब्जामुक्त कराया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कल विभागीय अफसरों और कर्मचारियों के स्थानांतरण करने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड, विन्ध्याचल क्षेत्र समेत दूसरे इलाकों में पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए सूख चूके तालाबों, कुओं और पोखरों को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है। जिससे पानी के किल्लत वाले इलाकों में जलस्तर सुधार कर पानी की समस्या को दूर किया जा सकें।
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उन्होंने कहा की जिन तालाबों, पोखरों पर भूमाफिाओं ने अवैध कब्जे कर रखें हैं उन्हें खाली कराया जा रहा है। साथ ही पुनर्जीवित किये गये तालाबों के किनारे पीपल, बरगद, पाकड़, आम और जामुन जैसे पौधे को भी लगाने का काम चल रहा है।
इस दौरान ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि पारदर्शिता बरकरार रखने के लिए उन्होंने लगातार तीसरे साल इस तरह से ऑनलाइन विभागीय कर्मियों के ट्रांसफर किये हैं।
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री महेन्द्र सिंह ने कल विभागीय अफसरों और कर्मचारियों के ओपन ट्रांसफर किये थे। आज जिसको लेकर उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने यह सब बाते कही थीं।
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इसके साथ ही प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 12 लाख से अधिक आवास बनाये जा चुके हैं। गौरतलब है की मुख्यमंत्री आवास योजना को पिछले साल ही शुरू किया गया था और इसका लाभ उन्हें दिया जाता है जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता रखते तो हैं। मगर उसका लाभ नही ले पाये हैं।
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विशेषकर मुसहर, वनटांगिया, कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को इसके तहत प्राथमिकता दी जाती है।
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