Maha Kumbh Stampede: बिहार के गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सुपौल और औरंगाबाद के 7 श्रद्धालुओं की भी महाकुंभ भगदड़ में मौत, कई लापता

प्रयागराज के महाकुंभ में बुधवार को मर्माहत करने वाली बड़ी त्रासदी हो गई जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 January 2025, 11:20 AM IST
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पटना: प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन स्नान के लिए गए श्रद्धालुओं में मची भगदड़ में करीब 30 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हैं। इस भगदड़ में बिहार के सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि कई लापता हैं। मृतकों में सभी महिला श्रद्धालु हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार संगम नोज पर हुई भगदड़ में बिहार के 7 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जिनमें गोपालगंज जिले के 4 श्रद्धालु समेत मुजफ्फरपुर, सुपौल और औरंगाबाद के एक-एक श्रद्धालु शामिल हैं। 

जानकारी के अनुसार गोपालगंज जिले के भोरे थाना क्षेत्र के रामनगर गांव से लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए प्रयागराज गए थे। इनमें सुरेंद्र गोंड की पत्नी तारा देवी (65) और भुटेली मांझी की पत्नी सरस्वती देवी (62) की मौत की सूचना है।

बरौली थाना क्षेत्र के माड़नपुर गांव की स्व. तारकेश्वर सिंह की पत्नी शिवकली देवी (65) की भी भगदड़ में मृत्यु हो गई। हुस्सेपुर के सरपंच प्रतिनिधि लालबाबू प्रसाद ने इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा, उचकागांव थाना क्षेत्र के बलेसरा गांव के स्व. बच्चा दुबे की पत्नी कांति देवी (65) की मौत की खबर है।

औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के सोसुना गांव की राजरानी देवी (65), जो अपने बेटे गुड्डू कुमार के साथ 27 जनवरी को अमृत स्नान के लिए प्रयागराज गई थीं,  उनकी भी भगदड़ में मौत हो गई।

सुपौल जिले के देहपुर गांव के स्व. बिहारी यादव की पत्नी गुलाबी देवी की भी मौत हो गई। उनका पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और गुरुवार को शव सुपौल पहुंचेगा। 

वहीं महाकुंभ भगदड़ में करीब एक दर्जन लोग ऐसे हैं जिनकी अब तक कहीं कोई खोज-खबर नहीं है। हादसे के बाद से वे लापता हो गए हैं। उनके परिजन उन्हें खोज रहे हैं। लापता लोगों से संपर्क नहीं हो पाने के कारण वे बेहद परेशान हैं। उनके गांव में भी उहापोह की स्थिति है।

सुपौल की जिस महिला श्रद्धालु की मौत हुई है उसका पोस्टमॉर्टम करा दिया गया है। शव गुरुवार को उसके पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद है।

अपने परिवार से बिछुड़े छपरा के हीरा लाल सिंह

दूसरी तरफ विजयीपुर थाना के जगदीशपुर गांव के धर्मेंद्र की पत्नी मुन्नी देवी, रामेश्वर प्रसाद की पत्नी राजकुमारी देवी, शोभावती देवी और रीमा देवी की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। उनके परिवारजन प्रयागराज के लिए रवाना हो चुके हैं।

इस हादसे से बिहार के उन गांवों में मातम पसरा है जहां से महाकुंभ स्नान करने के लिए इन श्रद्धालुओं ने विदा ली थी। उन सभी के घरों में कोहराम मचा हुआ है जिसने अपनों को खोया है। 

बिहार के छपरा जिले के हीरा लाल सिंह अपने परिवार के पांच सदस्यों- अपनी पत्नी, भाभी, बहू और दो पोते-पोतियों की खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 29 जनवरी की दोपहर न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए हीरा लाल ने कहा कि सुबह 5 बजे संगम घाट पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर "रास्ता रोकने की कोशिश की", तब वे उनसे बिछड़ गए।

बता दें कि मंगलवार रात करीब 2 बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया, जिससे भगदड़ मच गई। अफरातफरी के कारण कई श्रद्धालु नीचे गिर गए और भीड़ ने उन्हें रौंद दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धक्का-मुक्की इतनी तेज थी कि लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला।