Uttar Pradesh: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को कोर्ट ने सुनाई एक साल की सजा, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को अदालत ने 9 साल पुराने केस में एक साल जेल की सजा सुनाई है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिये पूरा मामला

योगी सरकार में मंत्री नंदी को कोर्ट ने दिया दोषी करार (फाइल)
योगी सरकार में मंत्री नंदी को कोर्ट ने दिया दोषी करार (फाइल)


प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनटे मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को कोर्ट ने 9 साल पुराने एससी-एसटी एक्ट से जुड़े एक मामले में दोशी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई है। इसकी के साथ उन पर 10 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है।हालांकि कोर्ट ने मंत्री नंदी को मुचलके और जमानत पर रिहा भी कर दिया है। 

प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने मुट्टीगंज थाने में नंदी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में यह फैसला सुनाया। जुर्माना न देने पर उन्हें दस-दस दिन की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतना पड़ेगा। हालांकि सजा के एलान के बावजूद मंत्री नंदी की विधानसभा की सदस्यता नहीं जाएगी क्योंकि 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर ही सदस्यता रद्द होती है।

आरोपित मंत्री नंदी ने अपने बचाव के लिए तीन गवाहों की सूची कोर्ट के समक्ष पेश किया था। एमपी एमएलए की विशेष न्यायाधीश डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल ने के समक्ष सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य ने कोर्ट में हाजिर गवाहों जिरह किया।

यह मामला साल 2014 के लोकसभा चुनाव का है। तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। नंदी और उनके समर्थकों पर सपा नेती की जनसभा में हमला करने का आरोप था। नंदी के उकसाने पर उनके समर्थक हिंसक हो गए थे। उन्होंने इस हमले में समाजवादी पार्टी के कई समर्थकों को चोटे आई थी। नंदी पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का भी आरोप था।

कोर्ट ने मुट्ठीगंज थाने में 3 मई 2014 को दर्ज मामले में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी दो धाराओं आईपीसी की धारा 147 और 323 में दोषी करार दिया। हालांकि नंद गोपाल गुप्ता नंदी की तरफ से 2014 में तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ भी क्रास एफआईआर दर्ज कराई गई थी।










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