नोएडा घर की पार्टियों में शराब परोसने के लिये लाइसेंस लेना होगा अनिवार्य
सामुदायिक हॉल में आयोजित पार्टी में अगर बिना लाइसेंस के शराब परोसा जाता है तो यह नियमों का उल्लंघन होगा और इससे बचने के लिये अब आसान दर पर लाइसेंस के लिये आवेदन कर सकते हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नोएडा: सामुदायिक हॉल में आयोजित पार्टी में अगर बिना लाइसेंस के शराब परोसा जाता है तो यह नियमों का उल्लंघन होगा और इससे बचने के लिये अब आसान दर पर लाइसेंस के लिये आवेदन कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।
गौतम बुद्ध नगर के जिला आबकारी अधिकारी (डीईओ) सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि घर या सामुदायिक स्तर पर भी पार्टियों के लिए शराब का लाइसेंस नहीं होना नियमों का उल्लंघन है, और जुर्माना सहित कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
अधिकारी ने बताया कि आबकारी नियमों के बारे में लोगों की कम जागरूकता के मद्देनजर अधिकारियों ने कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) और नागरिकों से संपर्क करना शुरू किया है और उन्हें अल्प समय के लिये लाइसेंस हासिल करने के दिशानिर्देशों की जानकारी दे रहे हैं।
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श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अगर कोई बिना लाइसेंस के शराब परोस रहा है, चाहे वह उत्तर प्रदेश में बिक्री के लिए हो या राज्य के बाहर, यह पूरी तरह से अवैध है। इस पर (आबकारी विभाग की ओर से) कार्रवाई की जाएगी।’’
श्रीवास्तव ने कहा कि पार्टियों में शराब परोसने के लिए लाइसेंस दो श्रेणियों में उपलब्ध हैं। पहली श्रेणी घरेलू पार्टी की है जिसमें जुटने वाले लोगों की संख्या कम होती है और इसके लिए 4000 रुपये का शुल्क है।
उन्होंने कहा कि दूसरी श्रेणी के लाइसेंस के लिए 11,000 रुपये का शुल्क है और यह सामुदायिक हॉल, रेस्तरां या भोज सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने वाली बड़ी भीड़ को शराब परोसने की अनुमति देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये दोनों श्रेणी के अनियत लाइसेंस एक दिन के लिए वैध होते हैं और आवेदन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन की दी सकती है।’’
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में एक अप्रैल से 30 नवंबर तक 5,820 ऐसे लाइसेंस जारी किए गए, जबकि इस वित्तीय वर्ष में इसी अवधि के दौरान 8,770 लाइसेंस जारी किए गए। इस प्रकार लाइसेंस में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
श्रीवास्तव ने कहा,‘‘विभाग ने अकेले नवंबर में 900 ऐसे लाइसेंस जारी किए, जो हाल के दिनों में किसी एक महीने में सबसे अधिक है। इससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की प्राप्ति भी हुई।’’