भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की रात करीब 9 निधन हो गया। मनमोहन सिंह के जीवन में होने वाले ऐसे पांच किस्से जिनके कारण सार्वजनिक तौर पर उनकी प्रतिष्ठा और उनके पद को कमतर दिखाने की कोशिश की गई।
2 जी-कोयला घोटाला
यूपीए सरकार के कार्यकाल में महंगाई, 2जी, टेलीकॉम, कोयला घोटाला सामने आए। इसके चलते उनकी सरकार की आलोचना हुई। विपक्ष के निशाने पर रहे। इन घोटालों की वजह से ही 2014 के आम चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।
जोकर आयोग
ये किस्सा साल 1986 का है। जब राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे और मनमोहन सिंह योजना आयोग के उपाध्यक्ष। मनमोहन प्रधानमंत्री को विकास को लेकर एक प्रजेंटेशन दे रहे थे। तभी राजीव ने उन्हें फटकार लगा दी। मनमोहन का प्रजेंटेशन ग्रामीण अर्थव्यवस्था और विकास को लेकर था। अगले दिन जब इसको लेकर राजीव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने योजना आयोग को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। राजीव ने कहा कि योजना आयोग एक जोकर आयोग है।
एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर
डॉ. मनमोहन सिंह को एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर भी कहा गया। 2019 में 'चेंजिंग इंडिया' पुस्तक के लॉन्च पर डॉ. सिंह ने कहा, 'मुझे एक्सीडेंटल प्रधानमंत्री कहा जाता है, पर मैं एक्सीडेंटल वित्त मंत्री भी था।
अध्यादेश लाए, राहुल गांधी ने फाड़ा
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति में अपराधियों की एंट्री रोकने के लिए एक फैसला सुनाया। इसके तहत 2 साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले राजनेताओं की सदस्यता रद्द और सजा से 6 साल ज्यादा वक्त तक चुनाव न लड़ने का फैसला सुनाया गया। राहुल गांधी से इसको लेकर सवाल पूछा, जिसके जवाब में राहुल ने सड़क पर ही अध्यादेश फाड़ने की बात कही।
सिख दंगों पर माफी
डॉ. मनमोहन सिंह ने 12 अगस्त 2005 को लोकसभा में 1984 के सिख दंगों के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था, देश में उस समय जो कुछ हुआ, उसके लिए शर्म से अपना सिर झुकाता हूं।
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