

केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश किया। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1,698.30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और रबड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 170 से बढ़ाकर 180 रुपये किया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
तिरुवनंतपुरम: केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश किया। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1,698.30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और रबड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 170 से बढ़ाकर 180 रुपये किया गया है।
उन्होंने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के लिए 50 करोड़ रुपये अलग रखे और सहकारी क्षेत्र के लिए 134.42 करोड़ रुपये की घोषणा की।
यह भी पढ़ें: नाथूराम गोडसे पर गर्व करना NIT प्रोफेसर को पड़ा महंगा
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सरकार के लिए चौथा बजट पेश करते हुए बालगोपाल ने कहा कि हालांकि राज्य आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और केंद्र वित्तीय पाबंदियां लगा रहा है, लेकिन वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार विकास के मोर्चे पर कोई समझौता नहीं करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्षों में दक्षिणी राज्य में तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश लाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री योगी का बड़ा बयान, बजट नये उत्तर प्रदेश में ‘रामराज्य’ की नींव रखेगा
उन्होंने कहा कि पारंपरिक कृषि क्षेत्र के लिए 1,698 करोड़ रुपये अलग रखे जाएंगे और पर्यटन क्षेत्र में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ पर्यटन क्षेत्र बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में इसके लिए 351 करोड़ रुपये आवंटित किए जा रहे हैं।’’
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रबड़ किसानों द्वारा इसके समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की बढ़ती मांग के बीच बालगोपाल ने इसमें 10 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘ रबड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 170 रुपये से बढ़ाकर 180 रुपये कर दिया गया है।’’
उच्च शिक्षा क्षेत्र को अधिक समर्थन की घोषणा करते हुए मंत्री ने डिजिटल विश्वविद्यालय के लिए 250 करोड़ रुपये निर्धारित किये।
साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य रेल परियोजना को साकार करने के अपने प्रयास जारी रखेगा। इस संबंध में केंद्र सरकार से बातचीत जारी है।’’
मंत्री ने दक्षिणी राज्य की वित्तीय समस्याओं के लिए केंद्र की आर्थिक नीतियों और केरल की कथित उपेक्षा को भी जिम्मेदार ठहराया।