डाइनामाइट न्यूज़ की खबर ने मचाया तहलका: पीएम मोदी के करीबी आईएएस अरविंद शर्मा थोड़ी देर में होंगे भाजपा में शामिल
महज दो दिन पहले डाइनामाइट न्यूज़ ने यह खबर प्रकाशित की थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भरोसेमंद आईएएस अधिकारी अरविंद शर्मा (एके शर्मा) अचानक वीआएस लेने के बाद भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं तो तमाम लोगों ने इस पर हैरानी जतायी। अब महज 48 घंटे के अंदर यह खबर सच साबित होने जा रही है। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
नई दिल्ली: बात 11 मार्च 2017 की है, उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद हर निगाह इस तरफ थी कि भाजपा किस नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठायेगी? तब डाइनामाइट न्यूज़ ने डंके की चोट पर इस बात का ऐलान किया था कि महंत योगी आदित्यनाथ ही इस कुर्सी पर बैठेंगे। उस वक्त डाइनामाइट न्यूज़ ने अपनी खबर में लिखा था कि 2 अक्टूबर 2016 को गोरखनाथ मंदिर में संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ हुई बैठक में भविष्य की गोपनीय रणनीति तय की जा चुकी है (देखें लिंक: यूपी सीएम की रेस में सबसे आगे हैं योगी आदित्यनाथ) और अब बहुमत मिलने के बाद सिर्फ औपचारिक ऐलान बाकी है। बाद में सच सबके सामने 17 मार्च को आ गया।
ठीक इसी तरह से उत्तर प्रदेश और ब्यूरोक्रेसी की खबरों के बेताज बादशाह डाइनामाइट न्यूज़ ने दो दिन पहले यह खबर लिखी थी कि (देखें लिंक: क्या होगा पीएम मोदी के करीबी आईएएस अरविंद शर्मा का अगला कदम? क्या जुड़ेंगे यूपी की राजनीति से?) गुजरात कैडर के 1988 बैच के पीएम मोदी के भरोसेमंद अधिकारी अरविंद शर्मा यूपी की धरती पर अपनी अगली राजनीतिक पारी खेलेंगे तो बहुतों को डाइनामाइट न्यूज़ की इस खबर पर अचरज हुआ।
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अचरज होना स्वाभाविक भी था। इतने बड़े कद का अधिकारी डेढ़ साल की नौकरी छोड़ क्या एक राज्य की राजनीति करेगा? कोई उन्हें दिल्ली में अनिल बैजल के बाद अगला उप राज्यपाल बता रहा था तो कोई भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री लेकिन डाइनामाइट न्यूज़ ने डंके की चोट पर इस बात का ऐलान किया था कि वे एमएलसी बन योगी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनेंगे। यह पीएम मोदी की दूरगामी रणनीति का एक बड़ा हिस्सा है। वैसे भी पीएम मोदी अपने निर्णय से लोगों को चौंकाने के लिए जाने जाते हैं।
अरविंद शर्मा बारह बजे लखनऊ में विधिवत तौर पर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेंगे। इस राजनीतिक एंट्री के बाद वे एमएलसी के रुप में 18 जनवरी से पहले अपना नामांकन करेंगे और फरवरी के प्रथम सप्ताह में संभावित योगी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे।
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आगामी दिनों में योगी की व्यस्तता पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के चुनावों को लेकर बढ़ेगी, ऐसे में दिल्ली को अपना एक भरोसेमंद सिपहसालार लखनऊ में चाहिये जो ब्यूरोक्रेसी को काबू में रख सके।
दिल्ली के सत्ता प्रतिष्ठान से डाइनामाइट न्यूज़ को मिली अंदर की खबर के मुताबिक शर्मा का कद काफी मजबूत होगा। मूल रुप से मऊ जिले के निवासी शर्मा भूमिहार जाति से आते हैं और इनकी छवि एक ईमानदार और विनम्र अफसर की रही है। लखनऊ में इनकी सबसे बड़ी भूमिका होगी पीएम मोदी के इच्छानुसार सिस्टम को कसकर काबू में रखना। शर्मा की राजनीतिक एंट्री के साथ यूपी की शीर्ष नौकरशाही में बड़ा बदलाव आने के प्रबल संकेत हैं।