दिल्ली विश्वविद्यालय एक विषय में उत्तीर्ण नहीं हो पा रहे छात्रों को मिलेंगे ग्रेस अंक

डीएन ब्यूरो

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने ऐसे छात्रों को उत्तीर्ण होने के लिए 10 कृपांक (ग्रेस अंक) देने का फैसला किया है, जो एक विषय में उत्तीर्ण होने में असफल रहे हैं और डिग्री प्राप्त करने के सभी विशेष अवसर खो चुके हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

उत्तीर्ण नहीं हो पा रहे छात्रों को मिलेंगे ग्रेस अंक
उत्तीर्ण नहीं हो पा रहे छात्रों को मिलेंगे ग्रेस अंक


नयी दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने ऐसे छात्रों को उत्तीर्ण होने के लिए 10 कृपांक (ग्रेस अंक) देने का फैसला किया है, जो एक विषय में उत्तीर्ण होने में असफल रहे हैं और डिग्री प्राप्त करने के सभी विशेष अवसर खो चुके हैं। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि छात्रों को उनकी डिग्री प्राप्त करने के लिए कृपांक के रूप में 10 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे और यह केवल उन विद्यार्थियों के लिए लागू होगा जो अपने सभी विशेष अवसरों का लाभ उठाने के बावजूद एक विषय उत्तीर्ण नहीं कर पाए हैं।

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अगर कोई छात्र एक ही विषय में असफल होने के कारण अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाया है, तो दिल्ली विश्वविद्यालय ऐसे छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण करने और उनकी डिग्री प्राप्त करने में मदद करने के लिए 10 अतिरिक्त अंक देगा।’’

अधिकारी ने बताया कि प्रावधान के दायरे में वे छात्र शामिल होंगे जिनकी डिग्री देश में कोविड​​-19 के प्रकोप के दौरान 2021-22 और 2022-23 में पूरी होनी चाहिए थी, और जो चार प्रश्नपत्र की सीमा के साथ ‘शताब्दी अवसर’ के लिए परीक्षा में उपस्थित हुए थे।

विश्वविद्यालय की, सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित एक प्रस्ताव के अनुसार, यह स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) कार्यक्रम के अलावा एम.फिल़ के छात्रों पर भी लागू होगा।

इसके अनुसार, यह निर्णय उन छात्रों को राहत देने के वास्ते लिया गया है, जो या तो दूरस्थ शिक्षा, संसाधनों तक सीमित पहुंच या स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं जैसी अप्रत्याशित चुनौतियों के कारण महामारी के दौरान परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे या उनकी डिग्री एक विषय में अफसल होने के कारण अधर में लटकी हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, विश्वविद्यालय कृपांक प्राप्त करने के इच्छुक छात्रों के अनुरोधों का मूल्यांकन करने के लिए अकादमिक सलाहकारों, संकाय सदस्यों और प्रशासक की एक समिति का गठन करेगा।

छात्रों को एक विषय में असफल होने का एक वैध कारण प्रस्तुत करना होगा जिस पर मामला दर मामला आधार पर, विचार किया जाएगा।

समिति ऐसे छात्रों के लिए एक ‘विशेष अवसर परीक्षा’ आयोजित करने पर भी फैसला करेगी ताकि वे अपनी डिग्री पूरी कर सकें।










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