

उत्तर प्रदेश में बोधगया महाविहार की मुक्ति को लेकर बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने फतेहपुर में चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
फतेहपुर: बोधगया महाविहार की मुक्ति को लेकर बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने फतेहपुर में चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गई। इस आंदोलन के तीसरे चरण के तहत शनिवार को डीएम के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया।
संगठन ने महाबोधि टेंपल एक्ट 1949 को रद्द करने, महाबोधि महाविहार को बौद्धों को सौंपने और शिवलिंग समेत अन्य धार्मिक प्रतीकों को हटाने जैसी मांगें उठाईं।
देशव्यापी आंदोलन के चरण
बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने पांच चरणों में देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। पहला चरण 3 मार्च को हुआ, जिसमें देशभर के जिलों में डीएम के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया।
दूसरे चरण में 8 मार्च 2025 को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया गया। तीसरे चरण के तहत आज 22 मार्च को सभी जिलों में प्रदर्शन रैली का आयोजन किया गया।
चौथे चरण में 9 अप्रैल को देशव्यापी जेल भरो आंदोलन किया जाएगा, जिसमें बौद्ध संगठनों के लोग गिरफ्तारी देंगे। पांचवें और अंतिम चरण में 1 जुलाई को भारत बंद आंदोलन का आह्वान किया गया है, जिसमें पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
मुख्य मांगे
आंदोलनकारियों ने महाबोधि टेंपल एक्ट 1949 को खत्म कर नया कानून बनाए जाने की मांग की, जिसमें केवल बौद्धों को अधिकार मिले। साथ ही महाबोधि महाविहार में शिवलिंग की स्थापना और पांडवों के जिक्र को हटाए जाने की मांग की, क्योंकि यह विश्व धरोहर का अपमान है।
महाबोधि महाविहार के पास स्थित सम्राट अशोक के महल के ऐतिहासिक महत्व को उजागर किए जाने, महंत के कोठी में रखी बुद्ध प्रतिमाओं और अभिलेखों को ASI के संग्रहालय को सौंपने और EVM को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की , जिससे भारतीय नागरिकों के वोटिंग अधिकार सुरक्षित रहें।
इस दौरान मुन्ना लोधी, कामता प्रसाद पासवान, राजेश बौद्ध, राम संजीवन लोधी, फूल सिंह लोधी, शिव पूजन, अजय राव और राजाराम समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे। बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो चरणबद्ध आंदोलन और तेज किया जाएगा।