भाजपा ने संगमा से हाथ मिलाया, उसकी ‘वाशिंग मशीन’ तेजी से चल रही है

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा कोनराड संगमा का समर्थन किए जाने को लेकर सोमवार को कटाक्ष किया कि ‘भाजपा की वाशिंग मशीन’ तेज गति से चली रही है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

कोनराड संगमा  (फाइल फोटो)
कोनराड संगमा (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: कांग्रेस ने मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा कोनराड संगमा का समर्थन किए जाने को लेकर सोमवार को कटाक्ष किया कि ‘भाजपा की वाशिंग मशीन’ तेज गति से चली रही है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने चुनाव से पहले संगमा के नेतृत्व वाली सरकार पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बोले गए तीखे हमलों से जुड़े वीडियो साझा करते हुए यह आरोप भी लगाया कि नतीजे आने के बाद अब भाजपा को स्मृतिलोप हो गया है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के अनुसार मेघालय में कोनराड संगमा की सरकार देश में सबसे भ्रष्ट सरकार हुआ करती थी। अब मुझे लगता है कि भाजपा को स्मृतिलोप हो गया है और वह उनके साथ हाथ मिला रही है। मेघालय इससे बेहतर का हकदार है।’’

रमेश ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘भाजपा की वाशिंग मशीन तेजी से चल रही है।’’

मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विंसेट पाला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने जो कहा, चुनाव बाद उसके उलट किया। भाजपा ने कहा कि एनपीपी सबसे भ्रष्ट पार्टी है और अब उसी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना रही है।’’

पाला ने दावा किया, ‘‘भाजपा भारत की जनता को इसी तरह से बेवकूफ बनाती है, जैसे उसने मेघालय की जनता को बेवकूफ बनाया है। भाजपा ने हमारे प्रदेश के साथ विश्वासघात किया है।’’

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान भ्रष्टाचार के बारे में बात करती है और बाद में ‘‘भ्रष्टाचारियों’ के साथ मिलकर सरकार बनाती है, यही उसका असली चाल, चरित्र और चेहरा है’’।

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने मेघालय में संगमा की अगुवाई में बनने वाली सरकार का समर्थन करने का फैसला किया था। वह विधानसभा चुनाव अकेले लड़ी थी।

मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा की 59 सीट पर मतदान हुआ था। गत बृहस्पतिवार को चुनाव परिणाम आए, जिनमें संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 26 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

एनपीपी के अलावा यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने 11 सीट पर जीत हासिल की है, जबकि 2018 के चुनाव में वह केवल छह सीट जीत सकी थी।

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने पांच-पांच, जबकि भाजपा ने दो सीट पर जीत हासिल की।










संबंधित समाचार