एक मुलाक़ात में आईएएस टॉपर अनु कुमारी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू.. जानिये सफलता के मंत्र
आईएएस टॉपर्स के इंटरव्यू के देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय टॉक-शो ‘एक मुलाक़ात’ में इस बार डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश के सामने हैं अनु कुमारी। शादी-शुदा जिंदगी की व्यस्तताओं के बावजूद अनु ने देश भर में दूसरा स्थान हासिल किया है। जानिये कैसे मिली अनु को यह सफलता..
नई दिल्ली: 2018 बैच की आईएएस और हरियाणा की बेटी.. बहुमुखी प्रतिभा की धनी अनु कुमारी ने आम जीवन की कई धारणाओं को झुठलाते हुए सफलता का ऐसा शिखर हासिल किया जिससे हर किसी को उन पर नाज हो रहा है। अनु का अतीत काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है.. जिसमें सुदूर गांव का बचपन, शहर की जवानी, महानगरों की व्यस्त प्रोफेशनल लाइफ, मल्टी नेशनल कंपनियों का चार्म प्रमुख रुप से शामिल है। शादीशुदा जिंदगी और चार साल के बेटे की मां होने के बाद भी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करना, आईएएस बनने का जज्बा रखना और परीक्षा को टॉप करना किसी प्रेरक फिल्म से कम नहीं है। ये सब हकीकत में संभव कैसे हुआ और कैसे देश का कोई नौजवान भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफल हो सकता है.. इस बारे में अनु ने डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश के साथ दिल्ली स्टूडियो में बेबाकी के साथ अपने दिल की बात की। आईएएस टॉपर्स के इंटरव्यू के देश के सबसे बड़े और लोकप्रिय टॉक-शो 'एक मुलाक़ात' में अनु कुमारी के विशेष इंटरव्यू के प्रमुख अंश:
प्रश्न: कैसे याद करती हैं अपने संघर्ष भरे सफर को?
उत्तर: मैं भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ कि उनकी वजह से आज मैंने अपनी जिंदगी में यह मुकाम हासिल किया है। अब मुझे लगता है कि मेरी ज़िंदगी में जो भी उतार-चढ़ाव आए थे, वो मेरे भविष्य को और बेहतर बनाने की भगवान की ही एक योजना थी। ज़िंदगी में जब उतार-चढ़ाव आते है, तभी आपको अपने बेहतर भविष्य का अंदाज़ा होता है।
प्रश्न: अपने एजूकेशनल बैकग्राउंड के बारे में कुछ बतायें?
उत्तर: मेरी प्रारंभिक पढ़ाई हरियाणा के सोनीपत शहर में हुई। उसके बाद मैने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज से फिजिक्स से बीएससी ऑनर्स किया है। दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही मैने अपने भविष्य को लेकर कुछ करने का निर्णय लिया। बीएससी ऑनर्स के बाद मैंने IMT नागपुर से MBA किया। यहीं मेरे असली करियर की शुरुआत हुई। IMT के कॉलेज प्लेसमेंट में मुझे ICICI Prudential Mutual Fund के लिये चुना गया और मुझे ICICI Prudential में काम करने के मौका मिला। इस दौरान मुझे वहां काफी ज्यादा सीखने को मिला। ICICI Prudential के बाद मैंने अवीवा लाइफ इंश्योरेंस में भी काम किया। सभी जगह कुछ न कुछ नया और अच्छा सीखने को मिला।
प्रश्न: क्या आपने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए किसी तरह की कोई कोचिंग ली?
उत्तर: जी नहीं, मैंने किसी भी तरह की कोई भी कोचिंग नहीं ली। मैंने सारी तैयारी घर पर की। इस दौरान मैंने एनसीईआरटी की बुक्स और ऑनलाइन कंटेट का सहारा लिया। मैंने www.insightsonindia.com वेबसाइट का खासतौर पर सहारा लिया। कई तरह की ऑनलाइन वेबसाइट देखी।
प्रश्न: सिविल सेवा की परीक्षा में आपका मुख्य विषय क्या था?
उत्तर: मैंने इस परीक्षा के लिये समाजशास्त्र (sociology) विषय का चुनाव किया था।
प्रश्न: एक मुलाक़ात कार्यक्रम में इस समय आपके इंटरव्यू को जो नौजवान देख और पढ़ रहे हैं उन्हें बताये कि वे इस परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
उत्तर: सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की शुरुआत के लिये सभी को एनसीईआरटी की बुक्स पढ़नी चाहिए। जो भी विषय चुनें, उसके लिये सिर्फ विश्वसनीय किताबों का ही सहारा लें। करेंट अफेयर्स के लिए आप ऑनलाइन मैटेरियल का भी सहारा ले सकतें हैं। इसके अलावा अगर आप न्यूज़ पेपर पढ़ सकते हैं, तो आप न्यूज़ पेपर भी पढ़िये।
प्रश्न: अभी हमने इसी साल 25 फरवरी को ‘डाइनामाइट न्यूज़ यूपीएससी कॉन्क्लेव-2018’ का आय़ोजन कराया था नई दिल्ली में.. इसमें देश भर से आईएएस की तैयारी करने वाले बच्चे बड़ी संख्या में जुटे.. इनमें से अधिकांश यह जानना चाहते थे कि.. क्या आईएएस की परीक्षा वही पास कर सकता है जो बचपन से पढ़ाई में बहुत तेज़ हो?
उत्तर: मेरा मानना है कि कोई औसत स्तर का छात्र भी इस परीक्षा को पास कर सकता है लेकिन ये परीक्षा वही पास कर सकता है कि जो लगातार मेहनत करने को तैयार रहे। ऐसे कई उदारहण हैं, जो औसत स्तर के छात्र रहे और बाद में उन्होंने इस एग्जाम को टॉप किया है। ये जरूरी नहीं है कि हमेशा से ही पढ़ाकू रहने वाले छात्र ही इस एग्जाम को पास कर सकते हैं। आप अगर इस परीक्षा को पास करना चाहते हैं कि तो आप को लगातार 12 घंटे तक पढ़ाई करनी होगी। आप ऐसा नहीं कर सकते हैं कि एक दिन आप ने कड़ी मेहनत कर ली और अगले दिन आप थक गए। आप को एक नियम बनाकर पढ़ाई करनी होगी। मैं एक मुलाक़ात के माध्यम से दुबारा साफ़ कर देना चाहती हूँ कि कोई औसत दर्जे का छात्र भी इस एग्जाम को कड़ी मेहनत के दम पर पास कर सकता है।
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प्रश्न: एक मुलाकात में मैं आईएएस टॉपर्स का इंटरव्यू वर्ष 2010 से कर रहा हूं। डा. शाह फैसल, डा. शेना अग्रवाल, अंजलि सहरावत, गौरव अग्रवाल, अतहर आमिर, इरा सिंघल जैसे आईएएस टॉपर्स का इंटरव्यू मैंने किया। एक सवाल जो सबसे ज्यादा लोग टॉपर्स से पूछना चाहते हैं.. नार्थ इंडिया में हिंदी मीडियम के बहुत सारे बच्चों में ऐसी धारणा है कि आईएएस वही बन सकता है जो बहुत अच्छी इंग्लिश जानता हो?
उत्तर: हिंदी जानना और इंग्लिश न बोल पाना इस परीक्षा के लिये कोई बाधा नहीं है। इंग्लिश बोलने की जरूरत आप को सिर्फ इंटरव्यू में होती है और मैं आप को बता दूँ कि वहां भी आपको अपनी भाषा का चुनाव करने का मौका मिलता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आप इंटरव्यू के लिये केवल हिंदी-अंग्रेजी के अलावा हिंग्लिश (हिंदी+इंग्लिश) भाषा का भी चुनाव कर सकते हैं। इंटरव्यूवर्स को भी इसमें कोई दिक्कत नहीं होती है, आपको केवल अपनी भाषा पहले से बता देनी पड़ती है। ऐसे में मुझे नहीं लगता है कि छात्रों को हिंदी-अंग्रेजी जैसी बातों के बारे में सोचना चाहिए।
प्रश्न: आईएएस की परीक्षा के लिये छात्रों को विषय का चयन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर: देखिये, विषय का चयन काफी सोच-समझ कर करना चाहिए। इसके लिए आप किसी भी अनुभवी व्यक्ति की मदद ले सकते हैं। आप को इस दौरान इस बात का ध्यान रखना होता है कि आप उसी विषय का चुनाव करें, जिसमें आपकी रूचि हो और आप उसे आसानी से पढ़-समझ सकें। इसके अलावा आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके चयनित विषय पर आपको ज्यादा से ज्यादा पढ़ने के लिए मैटेरियल मिल सके। इसके अलावा जो चीज़ सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है वह यह कि आप ऐसे विषय का चुनाव करें जिससे आपको जीएस की तैयारी करने में भी आसानी हो और आप को मदद मिले। इसके लिए आप इतिहास, राजनीति शास्त्र जैसे विषयों का चयन कर सकते हैं।
प्रश्न: इस परीक्षा की तैयारी के लिए एकाग्रता कितनी मायने रखती है?
उत्तर: यह आपने बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल किया। एकाग्रता छात्रों के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। मैंने ऐसे भी छात्रों को देखा है जो एक दिन में एग्जाम को पास करने के सपने देखते हैं और अगले दिन ही वो एक बार फिर से फेल होने की बात सोचते हैं। मैं छात्रों से बस यही कहना चाहूंगी कि जब भी आप पढ़ रहें हों तो आप समय की कद्र करें। इस कहावत को फॉलो करें- “Work while you work, Play while you play.” (जब आप काम कर रहे हैं तो सिर्फ काम कीजिये और जब खेल रहे है तो सिर्फ खेलिये।)
प्रश्न: इंटरव्यू को लेकर आप हमारे दर्शकों को क्या खास बताना चाहेंगी?
उत्तर: मैं यह कहना चाहूंगी कि इंटरव्यू से घबराना नहीं चाहिए। ये धारणा गलत है कि इंटरव्यू बोर्ड में बैठे लोग आप के प्वाइंट ऑफ़ व्यू को बदलना चाहते हैं। ऐसा हरगिज नहीं है। वहां बैठे लोग काफी अनुभवी होते हैं। वो बस ये जानना चाहते हैं कि आप दबाव में कैसे काम करेंगे। इंटरव्यू को लेकर मैं एक बात बताना चाहूंगी कि मैंने इंटरव्यू की तैयारी अपनी एक दोस्त के साथ की थी। इस दौरान हम एक-दूसरे से क्रॉस क्वेश्चन करते थे। कभी वो इंटरव्यू लेने वाली तो कभी मैं इंटरव्यू लेने वाली बनकर एक-दूसरे से बात करते थे। कभी फोन पर तो कभी आमने-सामने। यकीन मानिये ये काफी ज्यादा मदद करता है।
प्रश्न: क्या आप अपनी उस दोस्त का नाम बताना चाहेंगी?
उत्तर: मेरी उस दोस्त का नाम पुष्पलता है और इस बार आईएएस एग्जाम में उसकी 80वीं रैंक आई है।
प्रश्न: आपसे इंटरव्यू के दौरान किस तरह के सवाल किये गए थे?
उत्तर: इंटरव्यू में मुझसे काफी ज्यादा अलग-अलग तरह के सवाल किये गये थे। मेरे बैकग्राउंड को लेकर भी सवाल पूछे गये। करेंट अफेयर्स को लेकर सवाल किये गये। मेरी हॉबी को लेकर सवाल पूछे गये। सामाजिक मुद्दे और प्रशासनिक मुद्दे पर भी सवाल थे। भारत में कामकाजी महिलाओं के कारण ज्वाइंट फैमिली के कम होते चलन को लेकर भी सवाल पूछे गये।
प्रश्न: आपके सपनों का भारत कैसा होना चाहिये?
उत्तर: मुझे भारतीय होने पर गर्व है और मैं चाहती हूँ कि मेरे सपनों के भारत में महिलाओं के साथ किसी भी तरह का कोई भी दुर्व्यवहार न हो। आज कल जिस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, उससे मुझे काफी ज्यादा दुःख होता है। मेरे सपनों के भारत में इस तरह की घटनाओं की कोई जगह नहीं होगी। मेरे सपनों के भारत में सब लोग आर्थिक रूप से मजबूत हों और सबका स्वास्थ्य बहुत अच्छा हो। मैं अपने सपनों के भारत की तरक्की में यहां की विशाल जनसंख्या का अच्छे से उपयोगं करना चाहती हूं, ताकि हम लगातार विकास कर सकें।
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प्रश्न: हाल में ही देश में मासूम बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं ने सभी का दिल झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में जब आप कुछ समय बाद एक जिले की कलेक्टर बन जाएंगी तो आप कैसे इन घटनाओं पर रोक लगायेंगी?
उत्तर: इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लांग टर्म और शार्ट टर्म गोल पर काम करते हुए हम कुछ कदम उठा सकते हैं। इसके लिए हमें अपनी बच्चियों को बैड टच और गुड टच के बारे में बताना होगा। उसके लिये बताना होगा कि कौन सी चीज़ उसके लिए सही है और कौन सी गलत। वहीं हम इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तकनीक का भी सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा हम समय-समय पर स्कूलों में साइकोलॉजिकल टेस्ट भी करा सकते हैं कि ताकि हमें पता चल सके कि किसी भी बच्ची के साथ कुछ गलत तो नहीं हो रहा है। वहीं हम अपने बच्चों को डिफेन्स करने के तरीके बता सकते हैं ताकि वो खुद को इस तरह के हालात के समय बचा सकें। वहीं लॉन्ग टर्म प्लान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं इस तरह की घटना के बाद पुलिस को तुरंत कार्यवाही करने का निर्देश दूंगी और कोशिश करूँगी कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। सबसे बड़ी बात, मैं चाहूंगी कि समाज में लोग अपने बच्चों की सोच बदलें। उन्हें बताएं कि सिर्फ उनकी माँ-बहन ही उनकी जिम्मेदारी नहीं है। सड़क पर चल रही हर अकेली लड़की भी उनकी जिम्मेदारी है, उसके साथ कुछ भी गलत नहीं होना चाहिए। अकेली लड़की को अपॉर्च्युनिटी नहीं, रिस्पॉन्सिबिल्टी समझें।
प्रश्न: मैंने देखा है कि आईएएस बनने के बाद ज्यादातर लोगों में घमंड आ जाता है.. कि ओह.. मैं तो आईएएस हूं.. सुप्रीम हूं.. आप खुद को इस तरह के "अहंकार" से कैसे दूर रखेंगी?
उत्तर: मुझे लगता है कि मेरा बैकग्राउंड मुझे इसके लिए मदद करेगा। मैंने गरीबी को नजदीक से देखा है, तकलीफें झेली है। मेरा जो परिवेश रहा है, वो मेरा श्रोत है, मुझे उससे हमेशा प्रेरणा मिलती रहेगी। मुझे पता रहेगा कि मैं कैसे माहौल से आई हूँ और मैं इस बात को हमेशा याद रखूंगी। मेरी ज़िंदगी में हमेशा से ही मेरा एक विचार रहा है कि This too shall pass (यह समय भी गुजर जाएगा)। मुझे ये बात पता है कि मुझे एक दिन रिटायर भी होना है। मुझसे पहले भी इस पद पर कई लोग आ चुके हैं और आगे भी कई लोग आयेंगे। इस पद पर आने वाली न तो मैं पहली व्यक्ति हूं और न ही आखिरी। इन सब बातों को ध्यान में रखकर मैं खुद को जमीन से जोड़े रखूंगी।
प्रश्न: एक महत्वपूर्ण सवाल.. हमारे समाज में भ्रष्टाचार चारों तरफ फैला है। आप अपने आप को भ्रष्टाचार से कैसे दूर रखेंगी?
उत्तर: मैं मानती हूं कि भ्रष्टाचार से दूर रहने के लिये दो चीजें जरूरी है। पहली चीज पारदर्शिता और दूसरी जवाबदेही। हम जो भी काम करते हैं, जो भी कदम उठाते हैं उसमें अगर पारदर्शिता होती है तो वह लोगों को दिखाई देती है। पब्लिक के बीच अगर कोई काम दिखाई देता है तो उसमें भ्रष्टाचार के चांस कम हो जाते हैं। दूसरी चीज जवाबदेही भी बेहद जरूरी है। मुझे यह चीज भलि-भांति पता होनी चाहिये कि मेरी जिम्मेदारी क्या है और किसके प्रति है। जब हम किसी चीज के प्रति जिम्मेदार होते हैं तो मन गलत करने से रोकता है। भ्रष्टाचार से दूर रहने के लिये तकनीक का सहारा भी लिया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि करप्शन को रोकने के लिये इंसान के मॉरल ही काम आते हैं। मेरे पास मेरा बैक ग्राउंड है, जो मुझे इन सब बुरी चीजों से दूर रखेंगे। मेरे माता-पिता ने मुझे जो संस्कार या मॉरल दिये है, मैं उनको फॉलो करूंगी और भ्रष्टाचार जैसी बुरी चीज से हमेशा दूर रहूंगी।
प्रश्न: आप अपना रोल मॉडल किसे मानती हैं ?
उत्तर: मैं अपना रोल मॉडल स्वामी विवेकानंद को मानती हूँ। मैंने उनकी बहुत सारी किताबें भी पढ़ी हैं। मेरा जीवन उनके विचारों से काफी ज्यादा प्रभावित रहा है।
प्रश्न: आपके शौक क्या हैं?
उत्तर: मुझे डांसिंग और पेंटिंग करना बहुत पसंद है।
प्रश्न: आप यूपीएससी की तैयारी करने वाले बच्चों को क्या सक्सेस मंत्र देना चाहेंगी?
उत्तर: मैं बस यही कहूंगी कि लगे रहिये, लगे रहिये..और केवल लगे रहिये। अपने लक्ष्य से भटकने की कोई जरूरत नहीं है।
ये थी अनु कुमारी, जिन्होंने हमारे तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने सक्सेस मंत्र के तौर पर कहा कि Be Practical, Be Optimistic and Work hard. इसके सहारे न केवल UPSC की परीक्षा पास की जा सकती है बल्कि दुनिया में कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।