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यूपी की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनामिका सिंह ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लिया है। उनका केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर जाने का इरादा था, लेकिन एनओसी न मिलने की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया। अनामिका सिंह 2004 बैच की आईएएस अधिकारी हैं।
आईएएस अधिकारी अनामिका सिंह
Lucknow: उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनामिका सिंह ने हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने का निर्णय लिया है। अनामिका सिंह की यह घोषणा उस समय आई है, जब वह केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर जाने की इच्छुक थीं, लेकिन एनओसी न मिलने की वजह से उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का कदम उठाया है।
अनामिका सिंह 2004 बैच की आईएएस अधिकारी थीं। जिन्होने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और उनके योगदान को कई बार सराहा गया है। वह नीति आयोग में डायरेक्टर के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं।
अनामिका सिंह ने विवादों और लंबी प्रतीक्षा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का फैसला किया। उन्हें केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर जाने का सपना था, लेकिन राज्य सरकार से एनओसी न मिलने की वजह से उनका यह कदम पूरा नहीं हो सका। आईएएस अधिकारी को डेपुटेशन पर भेजने के लिए राज्य सरकार से एनओसी की आवश्यकता होती है, लेकिन इस मामले में वह इसे प्राप्त नहीं कर पाईं। इसके बाद, उन्होंने यह निर्णय लिया कि अब वह अपनी सेवाओं को पूरी तरह से समाप्त कर देंगी और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेकर अपने भविष्य की दिशा तय करेंगी।
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अनामिका सिंह का प्रशासनिक करियर काफी गौरवपूर्ण और सफलता से भरा रहा है। वह 2004 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। उन्होंने अपनी कार्यशैली, नेतृत्व क्षमता और नवाचार के लिए खूब सराहना प्राप्त की। उनका कार्यक्षेत्र मुख्य रूप से शासन और नीति निर्धारण में रहा, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इसके अलावा, वह नीति आयोग में डायरेक्टर के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रीय विकास और नीतिगत सुधारों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) एक ऐसा कदम होता है, जो कर्मचारी या अधिकारी अपनी इच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे देता है, और इसमें किसी भी प्रकार की सरकारी दबाव या राजनीति का हस्तक्षेप नहीं होता। अनामिका सिंह ने केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर जाने की योजना बनाई थी, लेकिन एनओसी न मिल पाने की वजह से उन्हें यह अवसर प्राप्त नहीं हो सका। इसके कारण, उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का निर्णय लिया। इससे पहले कि वह और अधिक वक्त इंतजार करतीं, उन्होंने यह कदम उठाया।
अनामिका सिंह के मन में हमेशा से केंद्र सरकार में काम करने का सपना था। उनका मानना था कि केंद्र सरकार के साथ काम करने से उनके लिए और भी नए अवसर और अनुभव मिल सकते हैं। वह नीति आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में काम करने के बाद केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं देने के लिए उत्साहित थीं, लेकिन राज्य सरकार से एनओसी न मिल पाने की वजह से उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका।