हरियाणा की कुश्ती क्वीन पूजा ढांडा की रिंग सेरेमनी आज, जानिए कौन हैं उनके हमसफर

हरियाणा की अंतरराष्ट्रीय कुश्ती पहलवान पूजा ढांडा ने जूडो से कुश्ती तक का प्रेरणादायक सफर तय किया है। ओलंपिक पदक विजेता को भी हराने वाली पूजा ने आज सगाई करने वाली है। तो चलिए जानते हैं कौन हैं उनके होने वाले पति…

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 7 August 2025, 10:16 AM IST
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New Delhi: हरियाणा की मशहूर कुश्ती खिलाड़ी पूजा ढांडा की रिंग सेरेमनी आज होगी। यह सेरेमनी सुबह 11 बजे हिसार के तोशाम रोड स्थित ताज पैलेस में आयोजित की जाएगी। पूजा की सगाई व्यवसायी अभिषेक बोरा से होगी। इसके बाद 13 नवंबर को उनकी शादी भी इसी जगह होगी। पूजा की शादी अरेंज मैरिज है, जिसे उनके पिता अजमेर ढांडा ने तय किया है। इससे पहले 23 फरवरी को उनकी रोका सेरेमनी हुई थी। फिलहाल पूजा हिसार के सुंदर नगर में रहती हैं और वरिष्ठ कुश्ती प्रशिक्षक के रूप में बच्चों को प्रशिक्षित करती हैं।

जूडो से कुश्ती तक का सफर

पूजा ढांडा का जन्म हिसार जिले के बुडाना गांव में हुआ। शुरूआती दौर में उन्होंने जूडो में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते। 2009 में उनकी मुलाकात पहलवान कृपा शंकर बिश्नोई से हुई, जिन्होंने पूजा को जूडो छोड़कर कुश्ती अपनाने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद 2010 के यूथ ओलंपिक खेलों में उन्होंने 60 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता और कुश्ती में अपनी पहचान बनाई।

ओलंपिक पदक विजेता को दी दो बार मात

पूजा ने 2018 में प्रो रेसलिंग लीग में पंजाब रॉयल्स के लिए खेलते हुए ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हेलेन मारौलिस को दो बार हराया। हेलेन ने हार के बाद पूजा की प्रशंसा की और कहा कि वे उनकी बड़ी प्रशंसक बन गई हैं। यह जीत पूजा के लिए गर्व का पल था और उन्होंने इसे अपने खेल करियर की बड़ी उपलब्धि माना।

दंगल फिल्म का ऑफर और कॉमनवेल्थ गेम्स में सफलता

पूजा को आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ में बबीता फोगट का रोल ऑफर हुआ था, लेकिन चोट के कारण उन्होंने यह मौका ठुकरा दिया। उन्होंने बबीता फोगट को हराकर पहली राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती थी। इसके अलावा, पूजा ने 2013 और 2017 में कॉमनवेल्थ गेम्स में दो स्वर्ण पदक भी जीते। 2014 में एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया।

चोटों के बावजूद साहस और संघर्ष की कहानी

2016 में चोट लगने के कारण पूजा रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले सकीं। इसके बाद सर्जरी और लंबे रिहैब के बावजूद, वह पूरी ताकत से खेल मैदान में वापसी करने के लिए संघर्ष करती रहीं। 2017 की विश्व चैंपियनशिप से बाहर होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर अपने जज़्बे को साबित किया। 2019 में भारत सरकार ने उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।

पूजा ढांडा की कहानी संघर्ष, साहस और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। वह न केवल एक सफल खिलाड़ी हैं, बल्कि अब एक नई जिंदगी की शुरुआत भी कर रही हैं, जो उनके परिवार और खेल जगत दोनों के लिए खुशियों भरा समय है।

 

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Published : 
  • 7 August 2025, 10:16 AM IST