

हरियाणा के मिर्चपुर गांव के दो युवा पहलवान, विक्की हुड्डा और विशाल कालीरमन, ने अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह सफलता न सिर्फ उनकी मेहनत का परिणाम है, बल्कि ग्रामीण प्रतिभा को मंच देने वाली शहीद भगत सिंह अकादमी के निरंतर प्रयासों की भी मिसाल है
विक्की हुडा और विशाल कालीरमन (सोर्स- सोशल मीडिया)
New Delhi: हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद उपमंडल स्थित गांव मिर्चपुर एक बार फिर खेल जगत में सुर्खियों में है। यहां की शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती एवं कबड्डी अकादमी के दो होनहार पहलवानों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता साबित की है। विक्की हुड्डा और विशाल कालीरमन ने लखनऊ में आयोजित भारतीय टीम के चयन ट्रायल में शानदार प्रदर्शन करते हुए आगामी विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए टीम में अपनी जगह पक्की की है।
लखनऊ में आयोजित ट्रायल में मिर्चपुर से कुल छह पहलवानों ने भाग लिया, जिनमें से विक्की और विशाल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। विक्की हुड्डा ने 97 किलोग्राम भार वर्ग की फ्रीस्टाइल कुश्ती में पहला स्थान हासिल कर सीनियर वर्ग की भारतीय टीम में स्थान प्राप्त किया। वहीं, विशाल कालीरमन ने दूसरा स्थान प्राप्त कर जूनियर वर्ग की टीम में चयनित हुए।
कोच अजय ढांडा और जय भगवान लाठर ने जानकारी दी कि सीनियर वर्ग की विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 13 से 21 सितंबर तक क्रोएशिया में आयोजित की जाएगी। वहीं, जूनियर वर्ग की प्रतियोगिता 17 से 23 अगस्त तक बुल्गारिया में होगी। दोनों पहलवानों का चयन देश के लिए गर्व की बात मानी जा रही है और इससे क्षेत्र में खुशी की लहर है।
कोच अजय ढांडा ने कहा, “यह सफलता खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन का नतीजा है। हमारी अकादमी का उद्देश्य ही यही है कि ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच तक पहुँचाया जाए।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इन उपलब्धियों से यह साबित होता है कि मिर्चपुर की मिट्टी में छुपी प्रतिभा अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रही है।
अकादमी के अन्य खिलाड़ियों और क्षेत्र के ग्रामीणों ने विक्की और विशाल के चयन पर हर्ष व्यक्त किया है। ग्रामीणों का कहना है कि ये दोनों खिलाड़ी आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल हैं और अब पूरे देश को उनसे पदक की उम्मीद है। क्षेत्र के युवाओं के लिए यह उपलब्धि प्रेरणास्रोत है, जो उन्हें खेलों की ओर और अधिक आकर्षित करेगी।
मिर्चपुर जैसे छोटे से गांव से निकलकर दो पहलवानों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चयन न केवल अकादमी की गुणवत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सही मार्गदर्शन, मेहनत और समर्पण से कोई भी खिलाड़ी ऊंचाइयों को छू सकता है। अब सभी की निगाहें विश्व चैंपियनशिप पर टिकी हैं, जहां ये दोनों खिलाड़ी भारत का नाम रोशन करने के लिए मैदान में उतरेंगे।