

एशिया कप 2025 में जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तान टीम से हाथ नहीं मिलाया था, जिसकी वजह से पीसीबी ने टूर्नामेंट से हटने की धमकी दी थी, लेकिन भारी आर्थिक नुकसान के डर से उन्होंने अपनी धमकी वापस ले ली है।
बीसीसीआई और पीसीबी (Img: Internet)
Dubai: एशिया कप 2023 में भारत से मिली करारी हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पूरे टूर्नामेंट से हटने की धमकी दी थी। बोर्ड ने मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट पर सवाल उठाए और कहा कि भारत-पाकिस्तान मुकाबले के दौरान कप्तान के हाथ मिलाने से रोकना क्रिकेट की भावना के खिलाफ था। पीसीबी ने आईसीसी से रेफरी को हटाने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे एशिया कप से बाहर हो जाएंगे।
हालांकि, अब यह स्पष्ट हो गया है कि पीसीबी के पास धमकी को अमलीजामा पहनाने की हिम्मत नहीं थी। एशिया कप से हटने पर उन्हें 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 105 से 141 करोड़ रुपये) का भारी नुकसान उठाना पड़ता। आर्थिक तंगी का सामना कर रहे पीसीबी ने इस गंभीर नुकसान को देखते हुए अपनी धमकी वापस ले ली।
पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी और उनकी टीम ने मैच रेफरी को हटाने के लिए आईसीसी से आग्रह किया था, लेकिन आईसीसी ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया। इससे पाकिस्तान बोर्ड के लिए कोई विकल्प नहीं बचा सिवाय अपनी धमकी वापस लेने के। पीसीबी ने समझा कि यदि उन्होंने टूर्नामेंट छोड़ दिया, तो उन्हें भारी आर्थिक और प्रतिष्ठानिक नुकसान होगा।
मोहसिन नकवी (सोर्स- इंटरनेट)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीसीबी का सालाना बजट लगभग 227 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। टूर्नामेंट से बाहर होने पर 16 मिलियन डॉलर का नुकसान उनका लगभग 7 प्रतिशत वार्षिक राजस्व होगा। इसके अलावा, ब्रॉडकास्टर सोनी स्पोर्ट्स भी तय राशि देने से इनकार कर सकता था। साथ ही, एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) की बैठकों में भी पाकिस्तान को सवालों का सामना करना पड़ता, जो बोर्ड के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर देता।
पीसीबी अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी के सामने मुश्किल चुनाव था, देश में अपनी इज्जत बनाए रखना या भारी आर्थिक नुकसान से बचना। धमकी तो दी गई, लेकिन आखिरकार आर्थिक हानि को देखते हुए इस कदम से पीछे हटना पड़ा।
आर्थिक नुकसान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी के डर से पाकिस्तान को वापस हटना पड़ा। संक्षेप में, यह धमकी सिर्फ एक बड़ा बयान था, जिसका अमलीजामा पहनाना पीसीबी के लिए संभव नहीं था। वहीं, BCCI से पंगा लेना पाकिस्तान को काफी भारी पड़ने वाला था।