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महीनों की अटकलों के बाद मोहम्मद शमी एक बार फिर चयनकर्ताओं की नज़र में हैं। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के चलते उनकी टीम इंडिया में वापसी संभव मानी जा रही है, और 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक के विकल्प के तौर पर भी उन्हें देखा जा रहा है।
मोहम्मद शमी (Img: Internet)
New Delhi: कई महीनों तक फिटनेस, फॉर्म और भविष्य को लेकर चली अटकलों के बाद भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी एक बार फिर चयनकर्ताओं की नज़र में आ गए हैं। 35 वर्षीय शमी की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी अब सिर्फ चर्चा नहीं, बल्कि एक वास्तविक संभावना मानी जा रही है। यहां तक कि 2027 वनडे वर्ल्ड कप के लिए भी उन्हें संभावित विकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जो उनके अनुभव और क्षमता को दर्शाता है।
NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, BCCI के एक सूत्र ने बताया है कि मोहम्मद शमी के घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन पर “करीब से नज़र” रखी जा रही है। सूत्र के अनुसार, शमी अभी चयन की दौड़ से बाहर नहीं हैं और अगर परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो उनकी वापसी जल्द हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शमी न्यूज़ीलैंड के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज़ के लिए एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
MOHAMMED SHAMI LIKELY TO BE PICKED FOR THE NZ ODI SERIES!!#INDvNZ pic.twitter.com/somaehjjsS
— 🚩🇮🇳 𝐑𝐈𝐒𝐇𝐈 𝐓𝐇𝐀𝐊𝐔𝐑 𝟏𝟖 ❤️ (@82_mohali__) December 30, 2025
BCCI सूत्र ने साफ किया कि चयनकर्ताओं की सबसे बड़ी चिंता शमी की फिटनेस को लेकर है। उन्होंने कहा कि शमी जैसे अनुभवी और काबिल गेंदबाज़ जब भी टीम में होते हैं, विकेट निकालने की क्षमता रखते हैं। यह कहना गलत होगा कि वह चयनकर्ताओं की रडार से बाहर हैं। अगर उनका चयन होता है तो यह कोई हैरानी की बात नहीं होगी, क्योंकि बड़े मैचों में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है।
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गौरतलब है कि मोहम्मद शमी ने मार्च 2025 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी के बाद से भारत के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। उस टूर्नामेंट में वह भारत के संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। उनका आखिरी वनडे मुकाबला न्यूज़ीलैंड के खिलाफ उसी टूर्नामेंट में था, जबकि उनका आखिरी टेस्ट जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल रहा था।
शमी का मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि घरेलू क्रिकेट में उनके आंकड़े बेहद प्रभावशाली रहे हैं। उन्होंने अपने पिछले छह घरेलू मुकाबलों में 17 विकेट झटके हैं, जिनमें विजय हज़ारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मैच शामिल हैं। इसके अलावा, इस सीज़न की रणजी ट्रॉफी में उन्होंने सिर्फ चार मैचों में 20 विकेट लेकर यह साबित किया है कि उनकी धार अभी भी बरकरार है।
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शमी को लगातार टीम से बाहर रखने पर कई पूर्व भारतीय क्रिकेटरों ने भी सवाल खड़े किए हैं। पूर्व बल्लेबाज़ मोहम्मद कैफ ने हाल ही में वनडे टीम से शमी की गैरमौजूदगी पर हैरानी जताई थी, खासकर तब जब जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे सीनियर गेंदबाज़ों को आराम दिया गया। ऐसे में शमी की वापसी भारतीय पेस अटैक को अनुभव और मजबूती दे सकती है, खासकर बड़े टूर्नामेंट्स को ध्यान में रखते हुए।