“24 घंटे हैं…अपने लिए दूसरा लीजिए” जब पुजारा ने पत्नी और बेटी को किया था कमरे से बाहर, जानें मामला

चेतेश्वर पुजारा के अनुशासन का एक अनसुना किस्सा सामने आया है, जब उन्होंने 2018-19 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट से पहले अपनी पत्नी से होटल छोड़ने को कह दिया था। पुजारा का मानना था कि मैच से पहले किसी भी तरह का ध्यान भटकना उनकी तैयारी में बाधा बन सकता है। इस फैसले का असर मैदान पर भी दिखा, जब उन्होंने सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 25 August 2025, 2:13 PM IST
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New Delhi: भारतीय टेस्ट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। पुजारा को हमेशा उनके धैर्य, अनुशासन और टीम के लिए समर्पण के लिए याद किया जाएगा। हालांकि, मैदान पर उनका अनुशासन उनकी निजी जिंदगी को भी प्रभावित करता रहा है। हाल ही में उनकी पत्नी पूजा पुजारा ने एक ऐसा ही किस्सा साझा किया, जो उनके अनुशासन का अनोखा उदाहरण है।

ऑस्ट्रेलिया दौरे से जुड़ी कहानी

यह घटना 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे की है, जब भारतीय टीम सिडनी टेस्ट की तैयारी कर रही थी। चेतेश्वर पुजारा का फोकस इतना जबरदस्त था कि उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि वह होटल छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो जाएं, ताकि उनका ध्यान मैच की तैयारी से न भटके।

तुम्हारे पास 24 घंटे हैं...

एक इंटरव्यू में पूजा पुजारा ने बताया कि टेस्ट मैच से तीन दिन पहले, पुजारा ने उनसे कह दिया, "तुम्हारे पास 24 घंटे हैं, तुम अपना नया घर ढूंढ लो। अगर तुम मेरे साथ होटल में रहोगी, तो मैं अपनी तैयारी पर ध्यान नहीं दे पाऊंगा।"

इस बात पर दोनों के बीच बहस भी हुई। पूजा ने समझाने की कोशिश की कि एक अनजान शहर में बच्चे के साथ घर ढूंढना आसान नहीं होगा। उन्होंने आग्रह किया कि जब तक दूसरा ठिकाना नहीं मिलता, तब तक होटल में रहने दिया जाए।

कड़ी मेहनत के लिए फैसला

आखिरकार, पूजा ने होटल छोड़कर पास में एक अपार्टमेंट किराए पर लिया और अपनी बेटी के साथ वहां शिफ्ट हो गईं। यह उनके लिए एक मुश्किल समय था, लेकिन उन्होंने अपने पति के निर्णय का सम्मान किया। उनका मानना था कि अगर यह उनकी सफलता के लिए जरूरी है, तो वह इस असुविधा को सह सकती हैं।

चेतेश्वर पुजारा (Img: Internet)

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फोकस का मिला जबरदस्त परिणाम

इस निर्णय का असर मैदान पर भी साफ दिखा। पुजारा ने उस सीरीज में शानदार बल्लेबाजी की और कई अहम पारियां खेलीं, जिसमें एक शतक भी शामिल था। बाद में, पूजा ने अपनी नाराजगी को भुला दिया और माना कि उनका बलिदान टीम इंडिया की जीत में मददगार साबित हुआ। खुद पुजारा ने भी स्वीकार किया कि यह रणनीति उनके लिए फायदेमंद रही।

पुजारा का अनुशासन बना मिसाल

चेतेश्वर पुजारा का यह किस्सा दिखाता है कि असली प्रोफेशनलिज्म क्या होता है। मैदान में फोकस बनाए रखने के लिए उन्होंने निजी रिश्तों से ऊपर क्रिकेट को रखा, और यही वजह है कि वह भारतीय टेस्ट इतिहास के सबसे विश्वसनीय बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।

 

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