

भीलवाड़ा में आयोजित शहरी सेवा शिविर का उद्देश्य था जनता की समस्याओं का समाधान, लेकिन यह शिविर चर्चा में आ गया महापौर और पटवारी के बीच तीखी बहस के चलते। वायरल वीडियो ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सोचने पर मजबूर कर दिया है।
महापौर और यूआईटी पटवारी की भिड़ंत
Bhilwara: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सोमवार को आयोजित शहरी सेवा शिविर उस वक्त विवादों में आ गया जब नगर निगम के महापौर राकेश पाठक और यूआईटी के पटवारी मानवेन्द्र के बीच खुले मंच पर तीखी बहस हो गई। जनता के सामने हुई इस नोकझोंक ने न सिर्फ शिविर की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि प्रशासनिक समन्वय की पोल भी खोल कर रख दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शिविर का मुख्य उद्देश्य था नागरिकों की समस्याओं का समाधान और विभिन्न विकास योजनाओं की समीक्षा। लेकिन जैसे ही महापौर ने एक जमीन से संबंधित फाइल पर सवाल उठाए, बहस की चिंगारी सुलग गई। बताया जा रहा है कि दस्तावेजों की कमी और यूआईटी की ढिलाई को लेकर महापौर ने पटवारी से सवाल-जवाब करने शुरू कर दिए, जो जल्द ही गरमागरम बहस में बदल गए।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद इतना बढ़ गया कि माहौल तनावपूर्ण हो गया और अन्य अधिकारियों को हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराना पड़ा। कुछ ही देर में इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे शहर में प्रशासनिक अव्यवस्था को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
शिविर में उपस्थित आम नागरिकों ने इस पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उनका कहना था कि ऐसे शिविरों में जनता समाधान की उम्मीद लेकर आती है, लेकिन जब मंच पर ही जिम्मेदार आपस में उलझते नजर आते हैं, तो विश्वास डगमगाने लगता है।
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महापौर राकेश पाठक कोई नए विवादों में नहीं फंसे हैं। इससे पहले भी वे अधिकारियों से तीखी बहस और विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। उनके व्यवहार और विभागीय तालमेल की कमी अब आमजन के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस घटना के बाद उच्च अधिकारियों द्वारा मामले की आंतरिक जांच की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक किसी पक्ष द्वारा आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।