

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर एनडीए और महागठबंधन के बीच सियासी रणनीतियां तेज हो गई हैं। जातिगत समीकरण, बेरोजगारी, महिला सशक्तिकरण और विकास के मुद्दे चुनाव की प्रमुख चुनौतियां हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025
Patna: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों की रणनीतियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग से अक्टूबर के पहले हफ्ते में तारीखों की घोषणा की उम्मीद है। चुनाव दो चरणों में होने की संभावना है, जिससे राज्य में चुनावी माहौल और भी गर्म होगा।
एनडीए में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम दल) के बीच मुकाबला बेहद प्रतिस्पर्धात्मक होगा। मुख्य मुद्दों में जातिगत समीकरण, बेरोजगारी, महिला सशक्तिकरण और विकास के वादे शामिल हैं। एनडीए की ओर से 125 यूनिट मुफ्त बिजली और महिला रोजगार योजनाओं जैसे वादे किए गए हैं। महागठबंधन बेरोजगारी, महिला सम्मान योजना और दलित-अति पिछड़ा न्याय जैसे एजेंडे पर जोर दे रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025
बिहार के युवा वर्ग में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। नीतीश कुमार की सरकार पर यह आरोप है कि युवा वर्ग की अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं।
• महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव युवाओं के हक़ में कई वादे कर रहे हैं।
• एनडीए का दावा है कि उन्होंने 1 करोड़ युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य रखा है।
• राहुल गांधी द्वारा उठाए गए 'वोट चोरी' और पेपर लीक के मुद्दे भी युवाओं के बीच राजनीतिक चर्चा का केंद्र बने हैं।
महिलाओं को साधने के लिए दोनों ही गठबंधन अपनी योजनाओं को लेकर सक्रिय हैं। एनडीए की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' महिलाओं को लोन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी। महागठबंधन की 'महिला सम्मान योजना' तत्काल नकद सहायता देने पर केंद्रित है। पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण के चलते नीतीश कुमार को महिलाओं का मजबूत समर्थन प्राप्त है।
बिहार के चुनाव में जातिगत समीकरण और दलित-अति पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक पर भी सियासत गरमाई हुई है। एनडीए ने दलितों के लिए आरक्षण बढ़ाने का वादा किया है। महागठबंधन 'अति पिछड़ा न्याय संकल्प' लेकर सामने आया है। प्राशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी जाति आधारित एजेंडे पर जोर दे रही है।
नीतीश सरकार पर बिहार में बढ़ते अपराध और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। अपहरण, दिनदहाड़े हत्या और लूटपाट के मामले बढ़े हैं। महागठबंधन इस मुद्दे को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।
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विपक्ष ने एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर आरोप लगाया है कि 3.5 लाख वोटर काटे गए हैं, जिससे एनडीए को फायदा होगा। यह मुद्दा कांग्रेस, आरजेडी समेत कई विपक्षी पार्टियों के चुनावी एजेंडे में शामिल है।
नीतीश कुमार ने जुलाई 2025 में 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की, जो 1 अगस्त से लागू भी हो गई।
• इससे 1.67 करोड़ परिवारों को फायदा होगा।
• एनडीए इसे गरीबों के लिए ऐतिहासिक राहत बता रही है।
• विपक्ष इसे चुनाव से पहले वोट खरीदने की कोशिश कह रहा है।
एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के बीच 121:122 के फॉर्मूले पर चर्चा होने की संभावना है।
• महागठबंधन में आरजेडी 100+ सीटें चाहती है।
• राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की रैलियां विपक्ष को ताकत दे रही हैं।
• अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं की सक्रियता से एनडीए भी चुनावी मैदान मजबूत कर रहा है।