Impreacment: विपक्ष ला सकता है CEC के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव, चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठे सवाल

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच महाभियोग प्रस्ताव लाने को लेकर गंभीर मंथन चल रहा है। यह कदम उस समय सामने आया है जब बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने को लेकर विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर हमलावर है।

Post Published By: ईशा त्यागी
Updated : 18 August 2025, 10:54 AM IST
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New Delhi: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने को लेकर बढ़ता राजनीतिक विवाद अब संसद के गलियारों तक पहुंच गया है। विपक्षी दलों ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, आगामी संसद सत्र में विपक्षी गठबंधन इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने की तैयारी में है और महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया जा सकता है।

जानें क्या है विवाद?

बिहार में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा 1 अगस्त को जारी की गई ड्राफ्ट मतदाता सूची में 65 लाख नाम गायब पाए गए थे। यह नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद हटाए गए थे, जिसमें मृत, डुप्लिकेट या स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से बाहर किया गया। लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह कोई साधारण तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सुनियोजित राजनीतिक चाल है। उनका कहना है कि खास समुदायों और वर्गों को टारगेट कर मतदाता सूची से बाहर किया गया, ताकि लोकसभा चुनाव 2024 में सत्ताधारी दल को लाभ मिल सके।

राहुल गांधी के आरोप: लोकतंत्र की हत्या

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में इस मुद्दे को लेकर सीधा आरोप लगाया कि "वोट चोरी हो रही है और यह चुनाव आयोग की मिलीभगत से संभव हुआ है।" राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया कि अगर चुनाव आयोग की निष्पक्षता ही संदिग्ध हो जाए तो लोकतंत्र को बचाना कठिन हो जाता है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर ECI अपने कर्तव्यों का पालन निष्पक्ष रूप से नहीं कर सकता तो उसके प्रमुख के खिलाफ संवैधानिक कार्रवाई जरूरी हो जाती है।

चुनाव आयोग की सफाई: सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी

विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच, भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे विवाद पर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण भारत निर्वाचन आयोग की नियमित प्रक्रिया है। मृत, दोहराए गए और स्थानांतरित मतदाताओं को हटाना आवश्यक होता है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है और सभी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराई गई है। ECI ने यह भी बताया कि जिनके नाम हटाए गए हैं, वे https://ceoelection.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं और यदि आपत्ति हो तो दावा-आपत्ति प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर सकते हैं।

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