

उत्तर प्रदेश में 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज़ कर दी हैं। अब प्रत्येक बूथ पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। इस कदम से राज्य में बूथों की संख्या बढ़ने की संभावना है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर प्रतिक्रिया दी है और कहा कि बूथ बढ़ने से पीडीए की जीत और बड़ी होगी।
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने अब से ही तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में आयोग ने 31 जिलाधिकारियों के साथ बैठक की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जिसमें निर्णय लिया कि प्रत्येक मतदान बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इसका उद्देश्य मतदान केंद्रों पर भीड़ की स्थिति को टालना और एक सुव्यवस्थित चुनाव सुनिश्चित करना है।
बूथों की संख्या बढ़ने की संभावना
इस नए नियम के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान बूथों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। यदि हर बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता होंगे, तो राज्य में करीब 19,500 बूथों की संख्या बढ़ने की संभावना है। यह निर्णय मतदान प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए लिया गया है।
अखिलेश यादव का बयान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद, अखिलेश यादव ने निर्वाचन आयोग के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस विषय पर लिखा, "जितने बूथ बढ़ेंगे, उतनी ही बड़ी जीत पीडीए की होगी। जितने ज्यादा बूथ होंगे, उतने ही अधिक वोट पड़ेंगे, और 90% पीडीए की बड़ी जीत होगी। उनका यह बयान प्रदेश में चुनावी माहौल को गर्म कर देने वाला है।
बूथों की संख्या में संभावित वृद्धि
अगर निर्वाचन आयोग की नई नीति को लागू किया जाता है, तो 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद 1 लाख 62 हजार 462 बूथों की संख्या बढ़कर 1 लाख 81 हजार 962 हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि 2027 के चुनाव में लगभग 19,500 नए बूथ जोड़े जा सकते हैं।
मतदाता संख्या और पोलिंग सेंटर की स्थिति
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कुल 15 करोड़ 5 लाख 82 हजार 750 मतदाता थे। इसके अलावा, वर्ष 2017 में राज्य में 1 लाख 47 हजार 148 पोलिंग सेंटर थे, जिनकी संख्या वर्ष 2022 में बढ़कर 1 लाख 74 हजार 351 हो गई। इस वृद्धि को देखते हुए, वर्ष 2027 के लिए मतदाता संख्या में और इज़ाफा होने की संभावना है, जिससे पोलिंग बूथों की संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।
पहले से ज्यादा बूथ क्यों बढ़ाए जा रहे हैं?
निर्वाचन आयोग का मानना है कि यदि बूथों पर मतदाताओं की संख्या पहले जैसी रही, तो भीड़ बढ़ सकती है, जिससे मतदान प्रक्रिया में असुविधा हो सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए आयोग ने मतदान केंद्रों के लिए नए मानक तय किए हैं। साथ ही, आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अधिकतम संख्या 1200 मतदाताओं तक सीमित की जाए ताकि कहीं भी अनुशासनहीनता और अव्यवस्था का सामना न करना पड़े।
क्या होगा इससे?
• सुविधा: ज्यादा बूथों की संख्या से वोटिंग प्रक्रिया ज्यादा सुगम और समयबद्ध होगी।
• सुरक्षा: इससे मतदान केंद्रों पर अधिक सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा सकेगी।
• वोटिंग की पारदर्शिता: ज्यादा बूथों से वोटिंग की पारदर्शिता बढ़ेगी और किसी भी राजनीतिक दल को चुनाव में धांधली का मौका नहीं मिलेगा।