रायबरेली: धार्मिक आस्था के नाम पर अंधविश्वास और पशु बलि, स्थानीय बुद्धिजीवियों ने थाने में दी तहरीर

रायबरेली के पिपरी गांव में शीतला माता की पूजा के दौरान सुअर की बलि और महिला को देवी के रूप में स्थापित करने का मामला सामने आया। स्थानीय बुद्धिजीवियों ने पुलिस में तहरीर दी, जांच जारी है।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 26 August 2025, 10:06 AM IST
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Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के गुरबक्शगंज थाना क्षेत्र के पिपरी गांव में धार्मिक आस्था के नाम पर अंधविश्वास और पशु बलि को बढ़ावा दिए जाने का आरोप सामने आया है। गांव में हर साल शीतला माता की पूजा होती है, लेकिन इस साल पूजा के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें सुअर की बलि और एक महिला को देवी के रूप में स्थापित किए जाने की घटना सामने आई। इस घटना के बाद स्थानीय बुद्धिजीवियों ने इस पर विरोध जताया और पुलिस को तहरीर दी है।

कैसे होती है पूजा?

गांव के शीतला माता मंदिर में पूजा का आयोजन ब्राह्मण द्वारा हवन और पूजन के बाद होता है। पूजा के बाद, पुजारी को गांव से रवाना कर दिया जाता है, लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ जो विवाद का कारण बन गया। वायरल हुए वीडियो में यह देखा जा सकता है कि पूजा के बाद एक महिला को देवी के रूप में स्थापित किया गया और उसे ‘महारानी’ की पदवी दी गई। इसके साथ ही, सुअर की बलि भी दी गई, जिसे लेकर स्थानीय लोग गंभीर सवाल उठा रहे हैं।

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किसने की शिकायत?

इस पूरे मामले को लेकर बुद्धिजीवी विजय प्रताप सिंह ने गुरबक्शगंज थाना में तहरीर दी है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक आस्था के नाम पर अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

मामले पर क्या बोले एसओ संजय सिंह ?

गुरबक्शगंज थाना के एसओ संजय सिंह ने तहरीर मिलने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की बात कही है। एसओ ने यह भी कहा कि इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, पूजा के आयोजन से जुड़े एक स्थानीय व्यक्ति अंशु पंडित ने कहा कि यह पूजा उनके पूर्वजों के समय से चली आ रही है और इसमें हवन यज्ञ के अलावा अन्य कोई जानकारी नहीं है। उनका कहना था कि वह खुद कभी ऐसी घटनाओं का हिस्सा नहीं रहे हैं और उन्हें केवल पूजा की जानकारी है।

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भादो मास में होती है पूजा

अंशु पंडित ने यह भी बताया कि शीतला माता की पूजा हर साल भादो मास में होती है, जिसमें एक सात्विक हवन यज्ञ आयोजित किया जाता है। हालांकि, वीडियो में जिस तरह से सुअर की बलि दी गई और महिला को देवी का रूप दिया गया, वह सवालों के घेरे में है।

स्थानीय लोग इस मामले को लेकर चिंतित हैं और इसे एक तरह का अंधविश्वास मानते हैं, जिसे धार्मिक आस्था के नाम पर बढ़ावा दिया जा रहा है। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच कर रही है, और यह देखा जाएगा कि इस तरह की प्रथाएं क्या कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से सही हैं या नहीं।

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