

उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा अभियान शुरू करने की तैयारी कर ली है।
उत्तराखंड के ग्राम पंचायतों में लगेगी स्वास्थ्य चौपाल
देहरादून: सूबे के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 17 सितंबर से दो अक्तूबर तक स्वास्थ्य चौपाल लगाई जाएगी। इसमें स्वास्थ्य जांच व रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। शिविर में गैरसंचारी रोगों की 24 तरह की निशुल्क जांच की सुविधा मिलेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि यह अभियान 17 सितंबर से शुरू होगा और गांधी जयंती (2 अक्तूबर) तक चलेगा। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ बीमारियों की पहचान पर जोर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार प्रत्येक पंचायत में वार्ड स्तर पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर निशुल्क जांच के साथ दवाइयां भी दी जाएंगी। इसके अलावा टीबी की जांच कर मरीजों को चिह्नित किया जाएगा। इसके अलावा अभियान के दौरान रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। इसमें एक लाख यूनिट रक्तदान व पांच लाख रक्तदाता पंजीकरण करने का लक्ष्य रखा है।
इसके अलावा टीबी की जांच कर मरीजों को चिह्नित किया जाएगा। इसके अलावा अभियान के दौरान रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। इसमें एक लाख यूनिट रक्तदान व पांच लाख रक्तदाता पंजीकरण करने का लक्ष्य रखा है। प्रत्येक पंचायत में वार्ड स्तर पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर निशुल्क जांच के साथ दवाइयां भी दी जाएंगी।
टीबी मरीजों की पहचान और रक्तदान का लक्ष्य
अभियान में टीबी मरीजों की जांच कर उन्हें चिह्नित किया जाएगा। साथ ही रक्तदान शिविर भी आयोजित होंगे। सरकार ने इस दौरान एक लाख यूनिट रक्त एकत्र करने और पांच लाख रक्तदाता पंजीकरण का लक्ष्य रखा है।
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स्वास्थ्य व रक्तदान शिविरों के लिए प्रत्येक जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नाम किए जाएंगे। इसके साथ ही पंचायतों में शिविर लगाने के लिए 15 दिन का चार्ट तैयार किया जाएगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायतीराज व ग्राम्य विकास समेत अन्य रेखीय विभागों का सहयोग लिया जाएगा।
पंचायत स्तर पर विशेष व्यवस्था
प्रत्येक ग्राम पंचायत में वार्ड स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही, पंचायतवार 15 दिन का चार्ट तैयार किया जाएगा, जिससे शिविरों का आयोजन सुव्यवस्थित तरीके से किया जा सके।
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इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायतीराज, ग्राम्य विकास और अन्य रेखीय विभागों का सहयोग लिया जाएगा।