

दीपावली की रात नैनीताल की वादियां भले ही रोशनी से जगमगा उठीं, लेकिन पटाखों के धुएं ने शहर की स्वच्छ हवा में जहर घोल दिया। वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ गई हैं।
नैनीताल की हवा हुई जहरीली
Nainital: नैनीताल की मनमोहक वादियों में इस बार दीपावली का जश्न धूमधाम से मनाया गया, लेकिन साथ ही पर्यावरण की चिंता भी बढ़ गई है। पूरे शहर में दीयों की जगमगाहट और रंग-बिरंगी लाइटों ने खुशियों का माहौल बनाया, पर पटाखों से निकलने वाले धुएं ने साफ हवा को प्रदूषित कर दिया। जहां लोग त्योहार की चमक-दमक में खोए हुए थे, वहीं हवा की गुणवत्ता खराब होने से एक गंभीर समस्या सामने आई है।
वायु प्रदूषण में तीव्र वृद्धि
पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक, दीपावली की रात नैनीताल के कई हिस्सों में वायु प्रदूषण के स्तर में तेज बढ़ोतरी हुई। AQI.in के आंकड़े बताते हैं कि 21 अक्टूबर की शाम करीब साढ़े सात बजे प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा पहुंचा। सुबह के वक्त भी धुएं की मोटी परत शहर की साफ हवा में घुली हुई थी, जो दिन के साथ कुछ कम हुई, लेकिन इसके प्रभाव अभी भी बने हुए हैं।
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स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस प्रदूषण को लेकर लोगों को सावधान किया है। खासकर उन लोगों के लिए जो अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या अन्य सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं, यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। सामान्य नागरिक भी इस प्रदूषण से आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यह स्थिति पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर चुनौती बन गई है।
विशेषज्ञों की अपील
दीपावली के उल्लास के बीच नैनीताल की खूबसूरत वादियां इस समय प्रदूषण की समस्या से जूझ रही हैं। पर्यावरण और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी से आग्रह किया है कि वे पटाखों और आतिशबाज़ी से बचें और प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दें। साथ ही लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वच्छ और सुरक्षित त्योहार मनाने की दिशा में जागरूकता फैलाएं।
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नैनीताल की दीपावली की रौनक में छुपा प्रदूषण का खतरा हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखना कितना जरूरी है। यह समय है जब हम अपने त्योहारों को खुशियों के साथ-साथ प्रकृति की सुरक्षा का भी संदेश दें।