

नैनीताल में सरकारी जमीन घोटाले का मामला सामने आया। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल और छह अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। जांच जारी है और प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है।
प्रतीकात्मक छवि
Nainital: देहरादून में कुमाऊं से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां काठगोदाम थाना पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के बेटे हरेंद्र कुंजवाल समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह मामला गौलापार क्षेत्र के देवला तल्ला पजाया गांव में सरकारी जमीन की कथित खरीद-फरोख्त से जुड़ा है।
इस मामले की शिकायत अगस्त 2025 में आरटीआई कार्यकर्ता रविशंकर जोशी ने आईजी कुमाऊं रिद्धिमा अग्रवाल से की थी। उन्होंने बताया था कि जमीन के सौदे में अनियमितताएं हुई हैं। इस मामले की जांच कमिश्नर की अध्यक्षता वाली लैंड फ्रॉड समिति को सौंपी गई थी और जांच रिपोर्ट में सभी आरोपियों की संलिप्तता सामने आई। जिसके बाद आईजी के निर्देश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
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एसपी सिटी प्रकाश आर्य ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी जालसाजी और साजिश रचने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल दस्तावेजों की जांच जारी है।
रविशंकर जोशी ने प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने संबंधित जमीन पर कब्जा लेने के निर्देश दिए थे लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे प्रशासन की मंशा पर संदेह पैदा होता है। दीपा दरमवाल ने इस पूरे मामले में कहा कि उन्होंने विधि अनुसार रजिस्ट्री कराई है। मामला अदालत में विचाराधीन है और न्यायालय के फैसले का पालन किया जाएगा। गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी कहा कि उनके बेटे हरेंद्र ने कानूनी प्रक्रिया के तहत जमीन खरीदी है। अगर कोई गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई जमीन बेचने वाले के खिलाफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला होगा उसका पालन करेंगे।
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सरकारी जमीन की इस खरीद-फरोख्त के 13 साल पुराने मामले में पुलिस ने अब कार्रवाई तेज कर दी है। नैनीताल जिले के इस लैंड फ्रॉड केस ने राजनीतिक हलकों में भी खासी चर्चा पैदा कर दी है।