

मनसा देवी पैदल मार्ग पर हालिया भगदड़ हादसे के बाद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित व एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने मौके पर व्यवस्था का निरीक्षण किया। वन‑वे सिस्टम, दुकानें हटाना, नए सीसीटीवी, फायर ऑडिट और नोडल अधिकारी की नियुक्ति जैसे समझदारी भरे फैसले लिए गए हैं।
मनसा देवी हादसे के बाद प्रशासन का तगड़ा एक्शन (सोर्स इंटरनेट)
Haridwar: मनसा देवी पैदल मार्ग पर भयावह भगदड़ के बाद प्रशासन पूरी तरह एक्शन मोड में आ गया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने प्रभावित स्थल का निरीक्षण किया और मंदिर समिति सहित संबंधित विभागों के साथ मिलकर यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा का व्यापक इंतजाम तय किया।
सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पैदल मार्ग अब वन-वे सिस्टम के तहत ही चलेगा ताकि भीड़ नियंत्रण आसान हो और आपात स्थिति में बचाव कार्य तेज हो सके रास्ते में लगी अवैध दुकानों और अतिक्रमण को तुरंत हटाने का आदेश हुआ, जिससे मार्ग सुगम और व्यवस्थित रहे।एक वरिष्ठ अधिकारी को सीईओ स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो मनसा देवी और चंडी देवी दोनों स्थल पर व्यवस्थाओं की देखरेख करेगा। साथ ही इन्स्पेक्टर और पुलिस फोर्स को भी तैनात किया गया।राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के साथ संयुक्त योजना के तहत मार्ग का नया नक्शा तैयार किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने बताया कि भगदड़ में 8 लोगों की मौत हुई और कई गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका इलाज जारी है। मनसा देवी मंदिर के पुराने नियंत्रण व्यवस्था (जैसे तीर्थयात्रियों की लाइन‑अप स्थान) को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अब मुख्य सड़क मार्ग से ही यात्रियों को आने-जाने की अनुमति दी जाएगी।
डीएम मयूर दीक्षित ने दोनों मंदिरों का निरीक्षण करते हुए धीरे-धीरे स्थल को सीसीटीवी हेतु हर जगह कैमरा लगाने और फायर ऑडिट कराने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि दो प्रमुख मंदिरों की पैदल मार्ग व्यवस्था को पुनः डिज़ाइन करना जरूरी है और उसे यह सुनिश्चित करना है कि न कोई अतिक्रमण हो और न व्यवस्थाएं ऐसी रहें जहाँ दुर्घटना हो।
दुकानें हटाने, मार्ग बंद, वन-वे व्यवस्था जैसे निर्देश तत्काल अमल में लाए गए। CCTV, फायर ऑडिट और मिश्रित दिशा-निर्देशों के माध्यम से पुनः संरचना। हर कदम यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।
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