Crime in Deoria: देवरिया में मजदूरी मांगने पर दलित मजदूर की पीट-पीटकर हत्या, सपा जिलाध्यक्ष के बेटे पर गंभीर आरोप

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां मजदूरी मांगने गए एक दलित मजदूर की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि इस हत्या में समाजवादी पार्टी (सपा) के देवरिया जिलाध्यक्ष के बेटे और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 9 July 2025, 5:21 PM IST
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Deoria: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, जहां मजदूरी मांगने गए एक दलित मजदूर की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि इस हत्या में समाजवादी पार्टी (सपा) के देवरिया जिलाध्यक्ष के बेटे और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के सकरापार गांव का है, जहां 45 वर्षीय दलित मजदूर परमहंस (पुत्र मंगरू) को केवल इसलिए अपनी जान गंवानी पड़ी क्योंकि उसने मेहनत की कमाई यानी मजदूरी की मांग की थी।

क्या है पूरा मामला?

परिजनों के अनुसार, बुधवार की रात करीब 7:25 बजे परमहंस मजदूरी की मांग को लेकर कुंज बिहारी यादव (पुत्र स्वामीनाथ यादव) के घर गए थे। आरोप है कि कुंज बिहारी ने उन्हें जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली दी और घर से भगा दिया। इसके बाद परमहंस जब अपने घर लौटे, तो थोड़ी देर में कुंज बिहारी यादव अपने सहयोगियों के साथ वहां पहुंचे और उन्हें जबरन गाड़ी में बिठाकर अपने घर ले गए।

परिजनों का आरोप है कि घर के अंदर परमहंस को निर्दयता से पीटा गया, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद शव को नहर के किनारे फेंक दिया गया और हमलावर मौके से फरार हो गए।

बेटी की आंखों के सामने फेंका गया शव

परमहंस की बेटी पिंकी देवी ने अपने पिता को बेसुध हालत में देखा और शोर मचाया। परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और देखा कि परमहंस की मौत हो चुकी है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

राजनीतिक दबाव और धमकियां

मृतक के बेटे सोनू कुमार ने डायनामाइट न्यूज़ को बताया कि हमलावरों में सपा जिलाध्यक्ष व्यास यादव के बेटे – सचिन यादव और अमरेंद्र यादव भी शामिल थे। सोनू का आरोप है कि ये लोग अब सुलह-समझौते का दबाव बना रहे हैं और लगातार धमकी दे रहे हैं।

पुलिस जांच जारी

फिलहाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। ग्रामीणों और दलित संगठनों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। यह मामला केवल हत्या नहीं, बल्कि एक गरीब मजदूर के सम्मान और हक की लड़ाई है।
अगर न्याय नहीं मिला, तो समाज का विश्वास तंत्र से उठ जाएगा।

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