

केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के बजट में लगातार की जा रही कटौती और को समय पर मजदूरी न दिए जाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने बड़ा विरोध दर्ज कराया है। बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी महराजगंज के अध्यक्ष विजय सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उप-जिलाधिकारी फरेंदा को राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा।
भयंकर धांधली के खिलाफ कांग्रेस का मोर्चा
Pharenda (Maharajganj): केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के बजट में लगातार की जा रही कटौती और को समय पर मजदूरी न दिए जाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने बड़ा विरोध दर्ज कराया है। बुधवार को जिला कांग्रेस कमेटी महराजगंज के अध्यक्ष विजय सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उप-जिलाधिकारी फरेंदा को राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पन में कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार गरीब विरोधी नीतियों को लगातार बढ़ावा दे रही है और मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना को जानबूझकर कमजोर कर रही है। ज्ञापन में कहा गया कि मनरेगा ने वर्षों से ग्रामीण भारत में करोड़ों परिवारों को आर्थिक सहारा और सम्मानजनक रोजगार दिया है, लेकिन आज यह योजना तकनीकी खामियों, बजट कटौती और प्रशासनिक उपेक्षा की शिकार बन चुकी है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा समय से फंड जारी न किए जाने, मजदूरी भुगतान में अनावश्यक विलंब और निजी कंपनियों को योजना में शामिल करने जैसी कार्यप्रणाली से योजना का उद्देश्य ही खतरे में पड़ गया है। कांग्रेस नेताओं ने चिंता जताई कि इन सब कारणों से लाखों मजदूरों की आजीविका संकट में पड़ गई है और गांवों में बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है।
कांग्रेस ने मांग की कि मनरेगा को फिर से प्राथमिकता में लाया जाए, मजदूरों को समय पर भुगतान हो, तकनीकी अड़चनों को दूर किया जाए और मनरेगा श्रमिकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जैसे लाभ कानूनी रूप से सुनिश्चित किए जाएं। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि सरकार ने समय रहते सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो कांग्रेस आंदोलन करने को बाध्य होगी।
इस अवसर पर विजय सिंह एडवोकेट के साथ कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे, जिनमें रामचंद्र यादव (जिला उपाध्यक्ष), जयप्रकाश लाल श्रीवास्तव, चंदन त्रिपाठी, रामबली (ब्लॉक अध्यक्ष), रामधनी (अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ अध्यक्ष), राम सागर आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी नेताओं ने एकमत से कहा कि मनरेगा गरीबों की जीवनरेखा है, जिसे समाप्त करने की कोशिश संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
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