

महराजगंज में फरेंदा रोड स्थित एसके मोटर्स और इसकी चौक बाजार शाखा पर एक बार फिर अवैध वसूली और ठगी के आरोप लगे हैं। ग्राहकों ने न सिर्फ एजेंसी संचालकों पर ओवरचार्जिंग करने का आरोप लगाया है, बल्कि पुलिस पर भी मिलीभगत का शक जताया है। यही नहीं अब एजेंसी से जिम्मेदार गायब मिले है। जानिए डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर
जनपद का बजाज एजेंसी
Maharajganj: जिले की फरेंदा रोड स्थित एसके मोटर्स, इसकी चौक शाखा एक बार फिर सुर्खियों में है। ग्राहकों का आरोप है कि एजेंसी संचालकों ने दोपहिया वाहनों में इंश्योरेंस, आरटीओ और बाइक की कीमत में ओवरचार्जिंग कर उनसे अवैध वसूली की है। शिकायतकर्ता समीर रंजन गुप्ता और दिनेश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में थाने और IGRS पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन मामले का अब तक कोई समाधान नहीं हो पाया। लेकिन खबर चलने के बाद एजेंसी से जिम्मेदार गायब मिले।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार थाने में जब एजेंसी कर्मचारियों और ग्राहकों के बीच बातचीत कराई गई तो भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस बीच IGRS पर लगाई गई रिपोर्ट में मामले को उपभोक्ता फोरम न्यायालय से जुड़ा हुआ बताकर टाल दिया गया। ग्राहकों का कहना है कि उन्होंने पुख्ता साक्ष्य भी प्रस्तुत किए, जिससे यह साफ है कि एजेंसी संचालकों ने ठगी की है। बावजूद इसके अब तक कोई कार्रवाई नहीं होने से ग्राहकों में आक्रोश है और उन्होंने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया है।
बताया जाता है कि पूर्व में भी एसके मोटर्स के साथ इससे जुड़े एजेंसियों पर सैकड़ों ग्राहकों ने ठगी का आरोप लगाया था। लेकिन राजनीतिक रसूख और पैसों के बल पर एजेंसी संचालकों पर कभी कोई बड़ी कार्यवाही नहीं हो सकी। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जब भी वे थाने में तहरीर देते हैं, तब एजेंसी मालिक सरदार बंधु अपने लोगों को भेजकर उन्हें डराने-धमकाने लगते हैं और थाने में ही मामले को सुलह करने का दबाव बनाया जाता है।
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समीर रंजन गुप्ता और दिनेश प्रसाद का कहना है कि वे अब इस मामले को लेकर न्यायालय का रुख करेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर एजेंसी संचालकों की अवैध वसूली की शिकायत करेंगे।
खबर के बाद लगातार शिकायत मिलने पर जब टिम एजेंसियों का दौरा किया तो जिम्मेदार गायब पाए गए। जिससे संदिग्धता और बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
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इस पूरे मामले में जनपद के पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच करवाते है। ओटीपी के आधार पर ही शिकायतों का समाधान होता है।