Haridwar News: झांझरी गांव में फिर खुला मदरसा, जानें पूरी खबर

उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के डेरा क्षेत्र के जौनपुर झांझरी गांव में बंद पड़ा मदरसा दोबारा शुरू कर दिया गया। रमजान माह के दौरान अभिलेखों की कमी का हवाला देकर प्रशासन ने इस मदरसे को बंद करा दिया था। लेकिन लंबे संघर्ष और लगातार प्रयासों के बाद आखिरकार मदरसे का संचालन फिर से शुरू हो गया।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 25 August 2025, 9:02 PM IST
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हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के डेरा क्षेत्र के जौनपुर झांझरी गांव में बंद पड़ा मदरसा दोबारा शुरू कर दिया गया। रमजान माह के दौरान अभिलेखों की कमी का हवाला देकर प्रशासन ने इस मदरसे को बंद करा दिया था। लेकिन लंबे संघर्ष और लगातार प्रयासों के बाद आखिरकार मदरसे का संचालन फिर से शुरू हो गया। इस फैसले से गांव के लोगों ने राहत की सांस ली और विधायक उमेश कुमार का आभार जताया।

हस्तक्षेप के बाद ही मदरसा दोबारा खुला

जानकारी के मुताबिक,  मदरसे को दोबारा शुरू कराने में खानपुर विधायक उमेश कुमार की भूमिका अहम रही। ग्रामीणों का कहना है कि विधायक ने इस मुद्दे को न केवल प्रशासनिक स्तर पर उठाया बल्कि स्थानीय लोगों की पीड़ा को भी सरकार तक पहुंचाया। उनके हस्तक्षेप के बाद ही मदरसा दोबारा खुल सका।

खिलाफ कार्रवाई करना पूरी तरह से नाइंसाफी

इस अवसर पर विधायक उमेश कुमार ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षा संस्थानों के पास सभी आवश्यक दस्तावेज और मान्यता पूरी है, उनके खिलाफ कार्रवाई करना पूरी तरह से नाइंसाफी है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिरकार सरकार ऐसे कदम उठाकर किसका भला करना चाहती है।

राजनीति की भेंट चढ़ाना समाज के लिए घातक..

विधायक ने आगे कहा कि मौजूदा शासन पूरी तरह बेलगाम हो चुका है। जनता के असली मुद्दों से ध्यान हटाकर शिक्षा और सामाजिक संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थानों को किसी राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए। चाहे वह किसी भी वर्ग या समुदाय का हो, शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का भविष्य संवारना है और इसे राजनीति की भेंट चढ़ाना समाज के लिए घातक साबित होगा।

सुधारने का अवसर

विधायक उमेश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार को चाहिए कि वह ऐसे संवेदनशील मामलों में न्यायपूर्ण और संतुलित रवैया अपनाए। शिक्षा का अधिकार सभी को है और इस पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी संस्था में खामियां हैं तो उन्हें सुधारने का अवसर दिया जाना चाहिए, न कि सीधे ताले जड़ दिए जाएं।

मायनों में जनप्रतिनिधि की भूमिका

गांव के लोगों ने मदरसा पुनः खुलने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह उनके बच्चों की पढ़ाई और भविष्य का सवाल था। अब वे निश्चिंत होकर अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए भेज पाएंगे। ग्रामीणों ने विधायक उमेश कुमार की सक्रियता को सराहते हुए कहा कि उन्होंने उनके लिए सही मायनों में जनप्रतिनिधि की भूमिका निभाई है।झांझरी गांव में मदरसे के पुनः आरंभ होने से जहां शिक्षा का वातावरण बहाल हुआ है, वहीं यह संदेश भी गया है कि जनता की आवाज और जनप्रतिनिधियों की पहल से बदलाव संभव है।

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