DGCA से पहले हरकत में आई Air India, जांच में चौंकाने वाला खुलासा?

एयर इंडिया ने हाल ही में अपने बेड़े के सभी बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों में ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) के लॉकिंग तंत्र का एहतियाती निरीक्षण पूरा कर लिया है। यह घोषणा महज एक तकनीकी कार्रवाई नहीं बल्कि उस ‘प्रोएक्टिव एप्रोच’ का प्रतीक है, जिसकी भारतीय उड्डयन क्षेत्र को आज सबसे अधिक जरूरत है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 July 2025, 2:33 PM IST
google-preferred

New Delhi:  एयर इंडिया ने हाल ही में अपने बेड़े के सभी बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों में ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) के लॉकिंग तंत्र का एहतियाती निरीक्षण पूरा कर लिया है। यह घोषणा महज एक तकनीकी कार्रवाई नहीं बल्कि उस 'प्रोएक्टिव एप्रोच' का प्रतीक है, जिसकी भारतीय उड्डयन क्षेत्र को आज सबसे अधिक जरूरत है।

सूत्रों के अनुसार, गौरतलब है कि यह निरीक्षण 12 जून को हुए उस दर्दनाक हादसे के मद्देनज़र किया गया जिसमें एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान उड़ान भरते ही एक इमारत से टकरा गया था, और 260 लोगों की जान चली गई थी। लेकिन सबसे खास बात यह रही कि एयर इंडिया ने DGCA के निर्देश से दो दिन पहले ही  12 जुलाई को  स्वयं जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। यह कदम यह दर्शाता है कि कंपनी अब केवल निर्देशों का पालन करने वाली एयरलाइन नहीं, बल्कि संकट की स्थिति में स्वयं पहल करने वाली जिम्मेदार संस्था बनना चाहती है।

हादसे ने खोली सुरक्षा व्यवस्था की परतें

DGCA की 15 पृष्ठों की प्राथमिक जांच रिपोर्ट ने एक तकनीकी चूक की ओर इशारा किया, जिसमें कहा गया कि ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान भरते ही बंद हो गए थे, जिससे इंजन को शक्ति मिलना बंद हो गई और विमान जमीन से टकरा गया। इस खुलासे के बाद एयर इंडिया पर निगाहें थीं — और उसने न केवल नियामक की गाइडलाइन का पालन किया, बल्कि उससे पहले ही एक्शन लेकर 'सेफ्टी फर्स्ट' अप्रोच को प्राथमिकता दी।

कोई दोष नहीं, फिर भी सतर्कता क्यों?

यहां एयर इंडिया का रवैया यह भी दर्शाता है कि सुरक्षा केवल तकनीकी गलती मिलने पर ही नहीं, बल्कि संदेह की स्थिति में भी उसे पूरी गंभीरता से लिया जाना चाहिए। प्रवक्ता ने पुष्टि की कि किसी भी विमान में कोई समस्या नहीं पाई गई, फिर भी जांच की पहल समय रहते की गई।

क्या यह बदलाव की शुरुआत है?

यह घटनाक्रम भारतीय उड्डयन क्षेत्र में एक नई संस्कृति की ओर संकेत करता है  जहां प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि पूर्व-सावधानी को महत्व दिया जाएगा। एयर इंडिया की यह कार्रवाई अन्य एयरलाइनों के लिए भी एक मानक तय कर सकती है, विशेषकर तब जब हादसे के बाद राजनीतिक और सार्वजनिक दबाव लगातार बढ़ता है।

Location : 

Published :