दिल्ली में खतरे के निशान से ऊपर यमुना नदी: बाढ़ का बढ़ा खतरा, अलर्ट पर प्रशासन

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और यह खतरे के निशान को पार कर चुका है। बुधवार रात पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 205.35 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के स्तर से अधिक है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 28 August 2025, 11:39 AM IST
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Delhi: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया है। बुधवार रात पुराने रेलवे पुल पर नदी का जलस्तर 205.35 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है। यह लगातार दूसरा दिन है जब जलस्तर चेतावनी के स्तर से ऊपर बना हुआ है। केंद्रीय जल आयोग ने पहले ही संभावना जताई थी कि जलस्तर बुधवार शाम तक खतरे की सीमा पार कर जाएगा और उसी के अनुसार प्रशासन को सतर्क कर दिया गया था। अब हालात की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने और शिफ्टिंग की तैयारियां शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं।

बुधवार को दिनभर बढ़ता रहा जलस्तर

बुधवार सुबह 9 बजे यमुना का जलस्तर 204.61 मीटर था। दिन चढ़ने के साथ ही जलस्तर में तेजी से इज़ाफा हुआ और रात तक यह 205.35 मीटर तक पहुंच गया। यह इस बात का संकेत है कि अगले 24 से 48 घंटे बेहद संवेदनशील हो सकते हैं। यदि जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो प्रशासन द्वारा नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह पहला अवसर नहीं है जब यमुना ने खतरे का निशान पार किया है, लेकिन इस बार तेज़ी से बढ़ता जलस्तर और ऊपरी इलाकों से आता पानी चिंता का विषय बना हुआ है।

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वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी बना चिंता की वजह

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने का सबसे बड़ा कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी है।
• वजीराबाद बैराज से फिलहाल प्रति घंटे लगभग 41,206 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
• वहीं, हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज से 55,830 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है।
गौरतलब है कि बैराज से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंचता है, ऐसे में यह माना जा रहा है कि अगले दो दिन जलस्तर और बढ़ सकता है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल ऊपरी इलाकों से पानी छोड़ने की दर थोड़ी घटी है, लेकिन पहले से छोड़ा गया पानी अभी तक दिल्ली पहुंचना बाकी है।

पुराना रेलवे पुल बना निगरानी का प्रमुख केंद्र

दिल्ली में यमुना नदी की निगरानी के लिए पुराना रेलवे पुल (Old Railway Bridge - ORB) एक महत्वपूर्ण बिंदु है। इसी स्थान पर जलस्तर की माप और बाढ़ की आशंका का मूल्यांकन किया जाता है। यहां के आंकड़े प्रशासन के निर्णयों के लिए मूल आधार होते हैं। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद से यहां 24 घंटे निगरानी की जा रही है।

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प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग सतर्क

केंद्रीय जल आयोग, दिल्ली सरकार, और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने संयुक्त रूप से सतर्कता अभियान तेज कर दिया है।
• नदी के किनारे बसे लोगों को पहले से सूचित किया जाए।
• जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू और शिफ्टिंग की कार्रवाई तुरंत शुरू की जाए।
• निचले इलाकों में नावें, राहत शिविर और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था पहले से की जाए।
पिछले वर्षों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, इस बार प्रशासन ने पहले से बाढ़ संभावित इलाकों की सूची तैयार कर ली है, जिसमें यमुना बाजार, मजनूं का टीला, ओखला, कालिंदी कुंज, उस्मानपुर और गीता कॉलोनी प्रमुख हैं।

बीते वर्षों में बाढ़ का अनुभव

दिल्ली को 2023 में भी भारी बाढ़ का सामना करना पड़ा था, जब यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था। उस समय हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था और राजधानी के कई इलाके जलमग्न हो गए थे। इस बार भी ऐसी स्थिति की आशंका जताई जा रही है यदि जलस्तर 206 मीटर से ऊपर चला गया।

Location : 
  • Delhi

Published : 
  • 28 August 2025, 11:39 AM IST