

जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से तबाही मच गई है। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन से 34 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। रेल और सड़क मार्ग बाधित हैं, हजारों श्रद्धालु और स्थानीय लोग प्रभावित हैं। प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य जारी है।
जम्मू-कश्मीर में बारिश और भूस्खलन का कहर
Jammu: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने कहर मचा दिया है। सबसे दर्दनाक हादसा श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्द्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप हुआ, जहां भूस्खलन की चपेट में आकर 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई। हादसा मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब अचानक पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढह गया और चट्टानों के साथ मलबा नीचे गिर पड़ा। प्रारंभिक रिपोर्ट में नौ श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हुई थी, लेकिन देर रात और बुधवार को मलबे से कई और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 34 हो गई। हादसे में 21 से अधिक लोग घायल हैं, जबकि मलबे में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। बचाव अभियान लगातार जारी है।
प्रशासन द्वारा जारी सूची के अनुसार, मृतकों में 11 श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। पीड़ित परिवारों को सूचना दी जा चुकी है और जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है।
जम्मू में पिछले 24 घंटे में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 115 वर्षों में सर्वाधिक है। इसका असर पूरे जम्मू संभाग में दिखाई दिया।
• कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
• जम्मू संभाग में नदी-नालों का जलस्तर घटने से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन कश्मीर घाटी में हालात गंभीर बने हुए हैं।
• झेलम नदी श्रीनगर और अनंतनाग में उफान पर है। कई कस्बे और गांव डूब चुके हैं।
• श्रीनगर के राजबाग, कुर्सु, और अन्य क्षेत्रों में झेलम का पानी घरों में घुस गया है।
प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से बड़े स्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू कर रखा है।
• लखनपुर माधोपुर बैराज के टूटे गेट से फंसे गेटमैन को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया।
• लिद्दर नदी में फंसे 22 लोगों को SDRF ने सुरक्षित निकाला।
• सीआरपीएफ कैंप बह जाने के बाद 22 जवानों समेत 25 लोगों को बचाया गया।
• अवंतिपोरा, अनंतनाग समेत कई क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन ने मिलकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यातायात सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
• कटड़ा में रेल मार्ग पर भूस्खलन से रेल सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं।
• 58 ट्रेनें रद्द, 46 ट्रेनें बीच में ही रोकी गईं और 18 ट्रेनों का मार्ग बदला गया।
• श्रद्धालु वैष्णो देवी के दर्शन के बाद लौटने में असमर्थ हैं, और कटड़ा बस अड्डे पर भीड़ उमड़ रही है।
• प्रशासन ने बसों को यूनिवर्सिटी मार्ग से डायवर्ट कर फंसे श्रद्धालुओं को जम्मू भेजना शुरू किया, लेकिन भीड़ के कारण यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
शिक्षा मंत्री सकीना इत्तू ने घोषणा की है कि खराब मौसम के कारण 28 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। जम्मू में सोमवार से स्कूल बंद हैं। कश्मीर के छह जिलों अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम और श्रीनगर में भी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। खास बात यह रही कि अनंतनाग कोर्ट में जज नाव से कोर्ट पहुंचे, ताकि न्यायिक कार्य बाधित न हो। यह घटना प्रशासन की तत्परता और समर्पण को दर्शाती है।
बारिश और भूस्खलन के चलते कई पुल टूट गए हैं और संचार सेवाएं बाधित हुई हैं।
• जम्मू-पठानकोट हाईवे पर यातायात अब भी सुचारू नहीं हो पाया है।
• सहार खड्ड नदी पर पुल का हिस्सा धंसने के बाद वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जा रहा है।
• किश्तवाड़ में बादल फटने से 10 घरों को नुकसान पहुंचा है।
• एनएच-244 (किश्तवाड़-बटोत मार्ग) बंद कर दिया गया है।
मौसम विभाग, श्रीनगर ने चेतावनी दी है कि 28-29 अगस्त को जम्मू संभाग और दक्षिण कश्मीर में फिर से बारिश हो सकती है। 30 अगस्त से 1 सितंबर के बीच भारी बारिश के आसार हैं। 2 से 5 सितंबर के बीच भी मौसम में अस्थिरता बनी रहेगी।