कर्नाटक में महिलाओं को मिलेगी साल में 12 पीरियड लीव, क्या देश के बाकी राज्य भी लागू करेंगे ये नियम

कर्नाटक सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर समानता को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने साल में 12 ‘मेंस्ट्रुअल लीव’ यानी पीरियड लीव की मंजूरी दी है। यह नियम सरकारी, निजी, आईटी और गारमेंट सेक्टर की महिला कर्मचारियों पर लागू होगा।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 10 October 2025, 1:10 PM IST
google-preferred

Bengaluru: कर्नाटक सरकार ने महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य अब भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने महिला कर्मचारियों को साल में 12 ‘मेंस्ट्रुअल लीव’ (Menstrual Leave) देने की मंजूरी दी है। सरकार का कहना है कि यह फैसला महिलाओं के स्वास्थ्य, गरिमा और कार्यस्थल पर समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है।

कैसे लागू होगी यह नीति?

कर्नाटक के श्रम मंत्री ने बताया कि महिला कर्मचारी अपने मासिक धर्म चक्र के अनुसार इन 12 छुट्टियों का इस्तेमाल अपनी सुविधा के अनुसार कर सकती हैं। उन्होंने कहा, “महिलाएं चाहे तो हर महीने एक छुट्टी ले सकती हैं या जरूरत पड़ने पर सभी एक साथ भी ले सकती हैं। यह पूरी तरह उनकी सुविधा और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करेगा।”

यह नीति राज्य के सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ निजी कंपनियों, आईटी सेक्टर, मल्टीनेशनल कंपनियों और गारमेंट इंडस्ट्री में काम करने वाली महिला कर्मचारियों पर भी लागू होगी।

period leave

अब पीरियड लीव होगी नॉर्मल

कर्नाटक बना देश का उदाहरण

भारत में अब तक किसी भी राज्य ने इतनी व्यापक और समावेशी ‘मेंस्ट्रुअल लीव’ नीति लागू नहीं की थी। हालांकि, कुछ निजी कंपनियों ने अपने स्तर पर इस तरह की सुविधा दी है, लेकिन किसी राज्य सरकार की ओर से यह पहली बार है कि सभी सेक्टरों की महिलाओं को इसमें शामिल किया गया है।

कर्नाटक सरकार ने कहा कि यह नीति महिलाओं की उत्पादकता को प्रभावित नहीं करेगी, बल्कि उन्हें बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करेगी, जिससे वे शारीरिक असुविधा के दौरान भी तनावमुक्त रह सकेंगी।

Period Health Tips: क्या पीरियड्स में सोडा पीना होता है नुकसानदायक? जानिए एक्सपर्ट्स की राय और हेल्थ पर असर

महिला कर्मचारियों ने किया स्वागत

राज्यभर की महिला कर्मचारियों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। कई संगठनों ने इसे “प्रगतिशील और संवेदनशील निर्णय” बताया। एक महिला कर्मचारी ने कहा, “यह सिर्फ छुट्टी नहीं, बल्कि हमारी सेहत और जरूरतों की सामाजिक स्वीकृति है।”

सोशल मीडिया पर भी कर्नाटक सरकार के इस फैसले की जमकर सराहना की जा रही है। कई यूजर्स ने इसे “रियल एम्पावरमेंट” बताया और अन्य राज्यों से भी ऐसी पहल की उम्मीद जताई।

सरकार का उद्देश्य

कर्नाटक सरकार के अनुसार, इस नीति का उद्देश्य महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है। कार्यस्थलों पर अक्सर महिलाएं पीरियड के दौरान असुविधा झेलती हैं, लेकिन खुलकर अपनी बात नहीं रख पातीं।
इस नीति के जरिए सरकार कार्यस्थलों को अधिक समावेशी और महिला-हितैषी बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

Periods Travel Tips: पीरियड्स के दौरान भी आसान होगा सफर, जानिये ये काम आने वाले टिप्स

नीति होगी और मजबूत

राज्य सरकार ने कहा है कि आने वाले समय में इस नीति को और मजबूत बनाने के लिए एक निगरानी समिति बनाई जाएगी, जो इसके प्रभाव और जरूरत के अनुसार सुधार की सिफारिश करेगी। कर्नाटक सरकार ने उम्मीद जताई है कि अन्य राज्य भी इस पहल से प्रेरणा लेकर इसे देशव्यापी नीति के रूप में अपनाएंगे।

Location : 
  • Bengaluru

Published : 
  • 10 October 2025, 1:10 PM IST