

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जयराम रमेश के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग से मुलाकात की। चुनाव आयोग ने 30 सांसदों को मिलने के लिए बुलाया है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया था और इस मुद्दे पर एक अभियान भी शुरू किया है। अब चुनाव आयोग ने इस मामले पर जवाब देने के लिए विपक्ष से मुलाकात के लिए समय दिया है।
राहुल गांधी और जयराम रमेश की चुनाव आयोग से मुलाकात
New Delhi: भारत में चुनावी सियासत इन दिनों वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर गरमाई हुई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और जयराम रमेश ने हाल ही में मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें जवाब देने के लिए बुलाया।
चुनाव आयोग का कदम और विपक्षी नेताओं की आपत्ति
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने यह दावा किया था कि मतदाता सूची में व्यापक गड़बड़ी हो रही है, जिससे चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताएं उत्पन्न हो रही हैं। इसके बाद, जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे को उठाया और चुनाव आयोग से मुलाकात का समय मांगा।
जयराम रमेश की कोई प्रतिक्रिया नहीं
चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि आयोग ने दोपहर 12 बजे बातचीत के लिए समय निर्धारित किया है और अधिकतम 30 लोगों के प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात के लिए बुलाया है। हालांकि, अभी तक जयराम रमेश की तरफ से इस मुलाकात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मुलाकात विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर कुछ स्पष्टता चाहते हैं।
राहुल गांधी का अभियान
राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर एक अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने हाल ही में एक वेबसाइट लॉन्च की है, जो मतदाता सूची की गड़बड़ियों के बारे में जानकारी देती है और लोगों से अपील करती है कि वे इस अभियान में भाग लें। इसके माध्यम से राहुल गांधी और उनकी पार्टी चुनाव आयोग की तरफ से किए गए कार्यों की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं।
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