

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हाल ही में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान की गोलाबारी में अनाथ हुए 22 बच्चों को गोद लेने का फैसला किया है। उन्होंने बच्चों की शिक्षा और जरूरतों का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है।
राहुल गांधी ने बच्चों से की मुलाकात (Img: Google)
New Delhi: उत्तर प्रदेश की अमेठी से सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में पाकिस्तान की गोलाबारी और आतंकी हमले में अपने माता-पिता को खो चुके 22 बच्चों को गोद लेने का बड़ा फैसला लिया है।
बच्चों की पढ़ाई का उठाएंगे पूरा खर्चा
कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर प्रमुख तारिक हामिद कर्रा ने बताया कि राहुल गांधी इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएंगे। वे उन्हें ग्रैजुएट होने तक पढ़ने का अवसर देंगे और अगर बच्चे आगे कोई व्यावसायिक शिक्षा लेना चाहें, तो उसका खर्च भी राहुल गांधी उठाएंगे। मदद की पहली किस्त इसी सप्ताह जारी की जाएगी।
राहुल गांधी ने बच्चों को लेकर की घोषणा
आतंकी हमले में कई लोगों की हुई मौत
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पुंछ जिले के पास पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" नामक सैन्य कार्रवाई शुरू की, जिसमें PoK के नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। जवाब में पाकिस्तान ने भारी गोलाबारी की, जिससे पुंछ क्षेत्र में कई निर्दोष नागरिकों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए। कई बच्चे अपने परिवारों से बिछड़ गए या अनाथ हो गए।
राहुल ने सूची तैयार करने का दिया आदेश
राहुल गांधी ने मई में पुंछ का दौरा किया था और वहां के स्थानीय कांग्रेस नेताओं को प्रभावित बच्चों की सूची तैयार करने को कहा था। उन्होंने सरकारी रिकॉर्ड से मिलान कराकर एक फाइनल सूची तैयार करवाई, जिसे अब लागू किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने अपने दौरे के दौरान पुंछ के क्राइस्ट पब्लिक स्कूल में भी समय बिताया, जहां उन्होंने 12 वर्षीय जुड़वां बच्चों उरबा फातिमा और जैन अली से मुलाकात की, जिनके माता-पिता हमले में मारे गए थे। बच्चों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा, "तुम्हारा जवाब इस घटना को लेकर यह होना चाहिए कि तुम खूब मन लगाकर पढ़ाई करो, दिल खोलकर खेलो और ढेर सारे दोस्त बनाओ।"
बता दें कि पुंछ के कई गांवों में अब भी डर का माहौल है। सरकारी राहत शिविरों में लोग अस्थायी रूप से रह रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी ने आतंकी हमले में अपने माता-पिता को खो चुके 22 बच्चों को गोद लेने का बड़ा फैसला लिया है।