

मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है। मौके पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद हैं। स्थानीय नागरिकों को इलाके से दूर रहने की सलाह दी गई है।
प्रतीकात्मक फोटो
Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। 'ऑपरेशन महादेव' के तहत दाछीगाम फॉरेस्ट में चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। माना जा रहा है कि मारे गए आतंकी TRF (The Resistance Front) से जुड़े थे। जो इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि इन तीनों आतंकियों ने ही पहलगाम हमले को अंजाम दिया था। इंडियन आर्मी की इस कार्रवाई में हलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह भी ढेर हो गया।
आतंकियों की मौजूदगी की थी पक्की सूचना
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम को इनपुट मिला था कि श्रीनगर और त्राल को जोड़ने वाले दाछीगाम के ऊपरी जंगलों में तीन आतंकी छिपे हैं। इसी सूचना के आधार पर सोमवार तड़के सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
TRF के आतंकियों के छिपे होने की आशंका
सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही आशंका थी कि दाछीगाम नेशनल पार्क और उसके आसपास के क्षेत्र TRF जैसे आतंकी संगठनों के सुरक्षित अड्डे बने हुए हैं। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी TRF पर मानी जा रही है। दाछीगाम का इलाका घना और दुर्गम है, जिससे आतंकियों के लिए यहां छिपना और मूवमेंट करना आसान होता है। सुरक्षा बल इस क्षेत्र में पहले भी जनवरी 2025 में एक आतंकी ठिकाना नष्ट कर चुके हैं।
पूरे इलाके में घेरा, सर्च ऑपरेशन अब भी जारी
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है। मौके पर भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद हैं। स्थानीय नागरिकों को इलाके से दूर रहने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और अन्य संभावित आतंकियों की तलाश जारी है। सुरक्षा बलों ने जंगल के भीतर कुछ संदिग्ध स्थानों को चिन्हित किया है, जहां अवैध बंकर और हथियार छिपे हो सकते हैं।
सेना और पुलिस की मुस्तैदी से टला बड़ा हमला
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते यह कार्रवाई नहीं होती तो इन आतंकियों की साजिशें किसी बड़ी वारदात का रूप ले सकती थीं। सुरक्षा बलों ने न केवल तीन आतंकियों को मार गिराया है, बल्कि इस ऑपरेशन के जरिए TRF के नेटवर्क को बड़ा झटका भी दिया है।