

सोमवार को शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला। H-1B वीजा फीस बढ़ने से आईटी कंपनियों के शेयर गिरे। जानिए सेंसेक्स-निफ्टी की चाल, सेक्टोरल असर और ग्लोबल संकेतों का पूरा हाल इस विस्तृत रिपोर्ट में।
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New Delhi: सोमवार सप्ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। शुरुआती घंटों में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांक लाल निशान में कारोबार करते नजर आए। सुबह 9:26 बजे तक सेंसेक्स 189 अंक या 0.23% की गिरावट के साथ 82,772 पर और निफ्टी 40 अंक या 0.16% की गिरावट के साथ 25,286 पर ट्रेड कर रहा था। हालांकि, दिन की शुरुआत में दोनों सूचकांकों में इससे अधिक गिरावट देखी गई थी- सेंसेक्स में लगभग 0.40% और निफ्टी में 0.33% तक की गिरावट आई थी, लेकिन बाद में बाजार ने कुछ हद तक रिकवरी दिखाई।
आईटी सेक्टर पर अमेरिका के वीजा फैसले का असर
सोमवार की गिरावट की सबसे प्रमुख वजह रही अमेरिका द्वारा H-1B वीजा फीस में की गई बढ़ोतरी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित इस फैसले का असर विशेष रूप से आईटी कंपनियों पर पड़ा। TCS, इंफोसिस, विप्रो, HCL टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा और कोफोर्ज जैसी कंपनियों के शेयरों में सुबह के कारोबार के दौरान भारी गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि, राहत की बात यह रही कि यह नई $10,000 फीस केवल नए आवेदनों पर लागू होगी। मौजूदा वीजा होल्डर्स को इससे छूट दी गई है, जिससे कंपनियों को कुछ राहत मिली है। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क एक वन-टाइम फीस होगी और केवल आगामी लॉटरी साइकिल (मार्च-अप्रैल 2026) तक लागू रहेगा।
सेक्टोरल और मिड-स्मॉल कैप पर असर
आईटी सेक्टर की गिरावट ने अन्य सेक्टोरल इंडेक्स पर भी दबाव डाला। निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2.68% की भारी गिरावट देखी गई। निफ्टी फार्मा में 0.45% और निफ्टी हेल्थकेयर में 0.33% की गिरावट आई। इसके अलावा निफ्टी मिडकैप 100 में 0.05% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.12% की गिरावट रही। टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, अपोलो हॉस्पिटल्स और डॉ रेड्डीज के शेयर प्रमुख रूप से नीचे गए।
वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत
ग्लोबल फ्रंट पर कुछ सकारात्मक संकेत मिले। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच APEC समिट से पहले दो घंटे की फोन बातचीत ने एशियाई बाजारों को गति दी।
इसके अलावा फेडरल रिजर्व की तरफ से साल के अंत तक ब्याज दरों में कटौती की संभावना ने वॉल स्ट्रीट को बल दिया।
बाजार पर बना रहेगा वैश्विक और नीतिगत फैसलों का असर
H-1B वीजा से जुड़ा ट्रंप प्रशासन का फैसला यह दर्शाता है कि वैश्विक नीतिगत बदलाव कैसे भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करते हैं, खासकर आईटी सेक्टर को। आने वाले दिनों में निवेशकों की नजर अमेरिका की ब्याज दर नीति और वैश्विक राजनीति पर बनी रहेगी।