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गुजरात के कच्छ जिले में 26 दिसंबर की सुबह 4.30 बजे 4.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोग नींद से जाग गए। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। कच्छ भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
कच्छ में भूकंप से कांपी धरती (Img: Google)
Kachchh: गुजरात के कच्छ जिले में शुक्रवार, 26 दिसंबर की सुबह उस समय दहशत फैल गई जब करीब 4:30 बजे धरती अचानक हिलने लगी। लोग गहरी नींद में थे, लेकिन कुछ ही सेकंड के झटकों ने उन्हें जगा दिया। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई।
राहत की बात यह रही कि शुरुआती जानकारी के अनुसार किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है।
भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 10 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया। झटके हल्के थे, लेकिन सुबह के समय आने के कारण लोगों में डर का माहौल बन गया। कई लोगों ने पंखे, बिस्तर और घर में रखी हल्की वस्तुओं को हिलते हुए महसूस किया। कुछ इलाकों में लोग एहतियातन घरों से बाहर निकल आए और कुछ देर तक खुले स्थानों में खड़े रहे।
स्थानीय लोगों के अनुसार, झटके कुछ ही सेकंड तक महसूस किए गए, लेकिन अनुभव काफी डरावना था। अचानक कंपन से लोग सहम गए। हालांकि प्रशासन की ओर से किसी तरह की आपात स्थिति की घोषणा नहीं की गई और हालात सामान्य बने हुए हैं।
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यह पहली बार नहीं है जब गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए हों। इससे पहले 20 दिसंबर को भरूच जिले में सुबह 4:56 बजे हल्का भूकंप आया था। उस समय भूकंप का केंद्र भरूच से लगभग 45 किलोमीटर दूर जंबूसर के पास पाया गया था। कुछ देर के लिए वहां भी डर का माहौल बन गया था।
गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (GSDMA) के अनुसार, पिछले 200 वर्षों में गुजरात में 9 बड़े भूकंप आ चुके हैं। इनमें से कई कच्छ क्षेत्र में आए हैं। कच्छ एक एक्टिव सीस्मिक जोन में स्थित है, इसलिए यहां भूकंप की आशंका बनी रहती है।
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साल 2001 में आए विनाशकारी भुज भूकंप की याद आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। भचाऊ के पास आए 6.9 तीव्रता के उस भूकंप में करीब 13,800 लोगों की जान चली गई थी और 1.67 लाख से अधिक लोग घायल हुए थे। इसे 200 वर्षों में सबसे विनाशकारी भूकंपों में गिना जाता है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।