

उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे शासन की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। अगस्त तक हादसों में मौतों की संख्या में 17.8% और घायलों की संख्या में 15.4% की वृद्धि हुई है। टॉप 20 जिलों में प्रयागराज सबसे अधिक मौतों वाला जिला बना हुआ है।
सड़क हादसों का कहर जारी
Lucknow: उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों और टॉप 20 अधिक दुर्घटनाओं वाले जिलों में विशेष कार्रवाई के आदेशों के बावजूद भी हालात जस के तस बने हुए हैं। वर्ष 2024 के जनवरी से अगस्त माह तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में 17.8% और घायलों की संख्या में 15.4% का चिंताजनक इजाफा दर्ज किया गया है।
मार्च 2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क हादसों में होने वाली मौतों को 50% तक कम करने का लक्ष्य तय किया था। उन्होंने विशेष रूप से टॉप 20 अधिक हादसों वाले जिलों की पहचान कर वहां कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए थे। लेकिन आठ महीनों में हालात सुधरने के बजाय और बदतर हो गए हैं।
जनवरी से अगस्त 2024 के दौरान
• सड़क हादसों में इजाफा: 14.2%
• मौतों में इजाफा: 17.8%
• घायलों में इजाफा: 15.4%
टॉप 20 जिलों में इजाफा
• हादसे: 11.5%
• मौतें: 15.2%
• घायल: 10.9%
अगस्त के महीने में श्रावस्ती जिले में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों में 1700% का जबरदस्त इजाफा हुआ है। यह आंकड़ा शासन के लिए गंभीर चेतावनी है कि छोटे जिलों में सुरक्षा व्यवस्था की घोर अनदेखी की जा रही है। अन्य प्रमुख जिले जहां मौतों में बड़ा इजाफा हुआ।
• सोनभद्र: 166.7%
• पीलीभीत: 130.8%
• फतेहगढ़: 108.3%
• रायबरेली: 105.6%
• गाजीपुर: 91.7%
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जनवरी से अगस्त 2024 के बीच उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सड़क हादसों में मौतों की संख्या में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। महोबा जिले में 126 मौतों के साथ 77.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो सबसे अधिक है। इसके बाद भदोही में 107 मौतें हुईं और 62.1% की वृद्धि दर्ज की गई। सोनभद्र जिले में 266 मौतों के साथ 50.3%, जबकि प्रयागराज में 522 लोगों की मौत हुई, जो 47.9% की वृद्धि है।
देवरिया जिले में 218 मौतों के साथ 44.4%, रायबरेली में 312 मौतों के साथ 43.8%, चित्रकूट में 139 मौतें और 40.4% की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं, मैनपुरी और श्रावस्ती, दोनों में ही 38.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिनमें 266 और 72 मौतें हुईं। अंत में झांसी में 252 मौतों के साथ 37% का इजाफा हुआ। ये आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि छोटे जिलों में भी सड़क सुरक्षा के हालात बेहद चिंताजनक हैं।
जनवरी से अगस्त 2024 के बीच उत्तर प्रदेश के शासन द्वारा चिन्हित टॉप 20 जिलों में सड़क हादसों में मृतकों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रयागराज इस सूची में सबसे ऊपर है, जहां 522 लोगों की मौत हुई और यह आंकड़ा 47.9% की बढ़ोतरी को दर्शाता है। इसके बाद आगरा में 503 मौतों के साथ 33.8%, और हरदोई में 514 मौतों के साथ 33.5% की वृद्धि दर्ज की गई। अलीगढ़ और मथुरा दोनों में ही 472-472 मौतें दर्ज की गईं और इन दोनों जिलों में 21.3% की समान बढ़ोतरी हुई।
कानपुर नगर में 409 मौतें हुईं, जहां 18.6% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि गोरखपुर में 342 मौतों के साथ 15.9% और लखनऊ में 432 मौतों के साथ 14% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। ये आंकड़े बताते हैं कि बड़े और घनी आबादी वाले शहरों में सड़क सुरक्षा को लेकर हालात बेहद गंभीर हैं और तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।