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लद्दाख प्रशासन ने स्थानीय प्रशासनिक ढांचे को मज़बूत करने और विकास की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए पांच नए जिलों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय ने अगस्त 2024 में इन जिलों के गठन को मंज़ूरी दी थी, लेकिन औपचारिक प्रक्रिया में देरी हुई है।
लद्दाख के नए जिले के गठन (Img: Internet)
Leh: लद्दाख प्रशासन ने स्थानीय प्रशासनिक ढांचे को मज़बूत करने और क्षेत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए पांच नए जिलों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन नए जिलों में शाम, नुब्रा, चांगथांग, ज़ांस्कर और द्रास शामिल होंगे। इन जिलों के निर्माण के बाद लद्दाख में ज़िलों की संख्या वर्तमान दो से बढ़कर सात हो जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अगस्त 2024 में नए जिलों के निर्माण को मंज़ूरी दी थी, लेकिन औपचारिक गठन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इस देरी से स्थानीय लोगों में नाराज़गी है और हाल ही में लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (LAHDC) के चुनाव भी स्थगित कर दिए गए थे। अधिकारियों के अनुसार, देरी का कारण प्रशासनिक प्रक्रियाओं और नए पदों के सृजन से संबंधित फाइलों का लंबित रहना है।
लद्दाख प्रशासन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाले वित्त मंत्रालय को नए जिलों के लिए उपायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों के पदों के सृजन हेतु औपचारिक प्रस्ताव भेजा है। अधिकारियों का कहना है कि वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी, लेकिन इतने पदों का सृजन केंद्र शासित प्रदेश के वेतन बजट पर असर डाल सकता है।
लद्दाख के नए जिले के गठन (Img: Internet)
नए जिलों का निर्माण लेह और कारगिल जिलों के पुनर्गठन से होगा। लेह जिले से शाम, नुब्रा और चांगथांग अलग किए जाएंगे, जबकि कारगिल जिले से ज़ांस्कर और द्रास नए जिले होंगे। प्रत्येक जिले में उपायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, राजस्व अधिकारी, पुलिस बल और अन्य कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद गृह मंत्रालय के माध्यम से भरे जाएंगे, जबकि अन्य पदों पर नई भर्तियां की जाएंगी।
लेह पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव अक्टूबर 2025 में होने थे, लेकिन उन्हें स्थगित कर दिया गया। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि चुनाव में देरी का कारण नए जिलों के गठन की प्रक्रिया है। लद्दाख में कुल आबादी कम होने के कारण सात अलग-अलग पर्वतीय परिषदों का गठन व्यावहारिक नहीं माना जा रहा। अधिकारियों का कहना है कि साझा व्यवस्थाएँ अपनाई जा सकती हैं।
पांच नए जिलों के मुख्यालयों की घोषणा अभी लंबित है। अधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक स्वीकृति और पदों की मंजूरी मिलने के बाद ही औपचारिक उद्घाटन होगा। यह कदम न केवल लेह और कारगिल पर प्रशासनिक भार कम करेगा, बल्कि दूरदराज इलाकों में विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन को भी सुगम बनाएगा।
राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि नए जिलों का गठन स्थानीय असंतोष को कम करने और प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास हो सकता है। लद्दाख के लोग 26 अगस्त, 2024 को घोषित इन जिलों के आधिकारिक उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।