

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम जनता को नकली समन और फर्जी गिरफ्तारी के नाम पर हो रही ठगी से सतर्क रहने की सलाह दी है। ED ने बताया कि असली समन की पहचान अब QR कोड और यूनिक पासकोड से की जा सकती है। साथ ही ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे झांसे से बचने की भी चेतावनी दी गई है।
प्रतीकात्मक तस्वीर
New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशभर के नागरिकों को सतर्क करते हुए फर्जी समन और नोटिस के जरिए की जा रही ठगी के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता जताई है। ईडी ने कहा है कि हाल के दिनों में कुछ शातिर लोग ईडी के नाम पर नकली समन भेजकर आम जनता को डराने, धमकाने और उनसे पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं।
ईडी अधिकारियों ने बताया कि ये फर्जी समन हूबहू असली समन जैसे दिखते हैं। जिससे आम आदमी के लिए इनमें फर्क करना मुश्किल हो जाता है। इसी को देखते हुए ईडी ने अब अपने समन जारी करने की प्रणाली में तकनीकी सुधार किए हैं।
ED के अधिकारियों ने बताया कि अब से सभी असली समन सिस्टम से ही जारी किए जाते हैं, जिनमें एक QR कोड और यूनिक पासकोड दिया जाता है। इन दोनों की मदद से कोई भी व्यक्ति समन की सत्यता की जांच कर सकता है।
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अगर किसी को ऐसा समन मिलता है जिसमें QR कोड या पासकोड नहीं है या वह वेबसाइट पर सत्यापित नहीं होता तो वह व्यक्ति नीचे दिए गए ईडी अधिकारी से संपर्क कर सकता है:
ईडी ने एक और महत्वपूर्ण बात स्पष्ट की है 'डिजिटल अरेस्ट' या 'ऑनलाइन अरेस्ट' नाम की कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती। हाल ही में ठग लोगों को यह कहकर डरा रहे हैं कि उन्हें ऑनलाइन गिरफ्तार किया जा सकता है, और इसके एवज में मोटी रकम वसूली जा रही है। ईडी ने साफ, “हमारी गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक होती है और व्यक्ति के सामने आकर ही कार्रवाई की जाती है, न कि फोन, मैसेज या ईमेल के माध्यम से।”
ईडी ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति जो खुद को ईडी अधिकारी बताकर फोन पर पैसे मांगे, डराए या गिरफ्तारी की धमकी दे, उस पर तुरंत संदेह करें। किसी भी दस्तावेज को बिना जांचे मान्यता न दें। फर्जी समन मिलने की स्थिति में स्थानीय पुलिस या ईडी से संपर्क करें।