

14 अगस्त 2025 को भारत ने पाकिस्तान के लगातार भारत-विरोधी बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान ने कोई गलत कदम उठाया, तो उसे गंभीर और दर्दनाक नतीजे भुगतने होंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल
New Delhi: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में लंबे समय से तनाव बना हुआ है, लेकिन हाल के दिनों में पाकिस्तान की ओर से आ रहे लगातार युद्धोन्माद भरे बयानों के बाद भारत ने अब कड़ा रुख अपनाया है। 14 अगस्त 2025 को भारत के विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि उसने कोई दुस्साहस किया तो उसका परिणाम "दर्दनाक और गंभीर" होगा।
भारत विरोध से ध्यान भटकाना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहा है। इसका मकसद केवल अपने आंतरिक संकटों और असफलताओं से जनता का ध्यान हटाना है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व भारत के खिलाफ बयानबाज़ी कर अपने देश में एक नकली दुश्मन तैयार करता है ताकि जनता को गुमराह किया जा सके। यह रणनीति पुरानी और विफल हो चुकी है। भारत ने स्पष्ट किया कि ऐसी बयानबाज़ी से न तो भारत के मनोबल पर असर पड़ता है और न ही यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को बेहतर बनाती है।
भारत का सख्त रुख
विदेश मंत्रालय की ओर से आई यह चेतावनी केवल एक राजनयिक बयान नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संदेश है। भारत ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी प्रकार की सीमा पार हरकत या उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को चाहिए कि वह अपने नेताओं को संयमित बयान देने की सलाह दे। अगर वह कोई दुस्साहस करता है, तो भारत की ओर से जवाब कड़ा, निर्णायक और दर्दनाक होगा। इस बयान को रणनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह केवल पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक संकेत है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।
14 अगस्त का खास संदर्भ
गौरतलब है कि पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। इस अवसर पर वहां अक्सर भारत विरोधी बयानों की बाढ़ आ जाती है। पाकिस्तानी नेताओं और सेना के उच्चाधिकारियों द्वारा दिए गए हालिया बयानों में कश्मीर का मुद्दा फिर से उठाया गया और भारत पर आरोप लगाए गए। ऐसे में भारत का यह जवाब समय पर और सटीक माना जा रहा है। यह दर्शाता है कि भारत अब केवल डिप्लोमैटिक निंदा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी किसी भी गलत कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
भारत का कूटनीतिक संतुलन
भारत की विदेश नीति हमेशा संयम, संवाद और कूटनीतिक समाधान पर आधारित रही है। लेकिन हाल के वर्षों में भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुरक्षा के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं होगा। पुलवामा हमले और बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे उदाहरण इस नीति की पुष्टि करते हैं। भारत ने एक ओर जहां पाकिस्तान को संयम बरतने की सलाह दी है, वहीं दूसरी ओर यह भी संकेत दे दिया है कि यदि वह उकसावे की राजनीति से बाज नहीं आया, तो नतीजे उसे ही भुगतने होंगे।