यूपी विधानसभा में गरजे राजा भैया, कहा- हिन्दुओं की वजह से भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र, जानें और क्या-क्या बोला

राजा भैया ने विधानसभा में बड़ा बयान देते हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया और कहा कि आतंकियों ने हिंदू देखकर हमला किया। उन्होंने भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बताते हुए संविधान की प्रस्तावना में इमरजेंसी के दौरान किए गए बदलाव को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 14 August 2025, 11:30 AM IST
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश की विधानसभा में जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां आतंकवादियों ने हिंदू होने के कारण हमला किया, जाति के आधार पर नहीं। राजा भैया ने भारत के धर्म और संविधान पर भी अपने विचार रखे, जिससे विधानसभा में चर्चा का माहौल बना।

पहलगाम आतंकी हमला और हिन्दू समाज पर असर

राजा भैया ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकियों का निशाना धर्म के आधार पर हिंदू थे, न कि जाति के आधार पर। उन्होंने कहा, "भारत सबसे बड़ा आबादी वाला देश है और सबसे बड़ा लोकतंत्र भी। इसका श्रेय जाता है कि यहाँ बहुसंख्यक हिंदू समाज है। भारत इसलिए धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है क्योंकि यह हिंदू बाहुल्य, सनातन बाहुल्य है।" उनका मानना है कि भारत की इस विविधता में हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका है।

इमरजेंसी के दौरान संविधान की प्रस्तावना में बदलाव

विधायक राजा भैया ने भारत की संविधान प्रस्तावना में बदलाव के इतिहास पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि विश्व के सभी लोकतांत्रिक देशों में परिस्थिति के अनुसार संविधान में संशोधन होते रहते हैं, लेकिन प्रस्तावना (प्रिएंबल) को बदलना किसी भी देश की परंपरा नहीं है। उन्होंने इमरजेंसी के दौरान जब देश में लोकतंत्र बाधित था, तब प्रस्तावना को बदल दिए जाने को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। राजा भैया ने कहा, "विश्व में एक भी देश ऐसा नहीं है जहां प्रस्तावना ही बदल दी जाए। हमारे देश में इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के अभाव में प्रस्तावना बदल दी गई। यह हमारे इतिहास का काला दिन था।"

अहिंसा परमो धर्म

राजा भैया ने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक शिक्षा पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमें अहिंसा परमो धर्मः पढ़ाया गया है, जो सही भी है। लेकिन इसके साथ उन्होंने महाकवि कालिदास की उस पंक्ति का भी उल्लेख किया "धर्म हिंसा तथैव च," जिसका अर्थ है कि धर्म की रक्षा के लिए हिंसा भी आवश्यक हो सकती है। उन्होंने प्रयागराज में हुए महाकुंभ का भी उदाहरण दिया और कहा कि वहां व्यवस्था इतनी बेहतर रही कि गोरखपुर के मुख्यमंत्री भी वहां कम आए होंगे। यह बताने के लिए कि व्यवस्था पर पूरी तरह ध्यान दिया गया।

24 घंटे की चर्चा और राष्ट्रवाद पर जोर

राजा भैया ने विधानसभा में जारी 24 घंटे की चर्चा में हिस्सा लिया और कहा कि यह सत्र सिर्फ धन्यवाद प्रस्ताव की तरह भाषण देने का अवसर नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारें और नेता समय-समय पर बदलते रहते हैं, लेकिन राष्ट्र सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि 2047 तक जरूरी नहीं कि कोई एक नेता बना रहे, लेकिन हमें आज के आधुनिक युग में यह सोचना है कि भारत कैसे विश्व गुरु बने। यही इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य था।" राजा भैया के इस बयान से स्पष्ट होता है कि वे भारत के भविष्य और उसकी वैश्विक स्थिति को लेकर चिंतित हैं।

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  • Lucknow

Published : 
  • 14 August 2025, 11:30 AM IST