ट्रंप ने भारत के लिए खड़ी की नई मुसीबत? अब H-1B और अन्य वीजा पर देना होगा नया टैक्स

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए नया वीजा शुल्क लागू किया है। 1 अक्टूबर 2025 से H-1B, स्टूडेंट, टूरिस्ट और बिजनेस वीजा पर 250 डॉलर अतिरिक्त फीस लगेगी। इसका उद्देश्य वीजा ओवरस्टे और धोखाधड़ी रोकना है। VWP देशों और कनाडा पर यह शुल्क लागू नहीं होगा।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 21 September 2025, 11:28 AM IST
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New Delhi: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा फीस, पहले से लागू टैरिफ और अन्य शुल्कों के बाद अब वीजा इंटीग्रिटी फीस की घोषणा की है। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी वीजा प्रणाली को और सुरक्षित बनाना और अवैध प्रवास को रोकना है।

नई वीजा इंटीग्रिटी फीस कब लागू होगी

यह अतिरिक्त शुल्क 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। इसके तहत स्टूडेंट और टूरिस्ट वीजा पर 250 डॉलर की अतिरिक्त फीस लगाई जाएगी। यह शुल्क उन देशों के नागरिकों पर लागू होगा जो वीजा वेवर प्रोग्राम (VWP) में शामिल नहीं हैं। इन देशों में भारत, चीन, ब्राज़ील, मैक्सिको और अर्जेंटीना शामिल हैं।

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किस प्रकार के वीजा पर लगेगी फीस

नई 250 डॉलर की फीस नॉन-इमिग्रेंट वीजा पर लागू होगी। इनमें टूरिस्ट वीजा (B-1/B-2) – यात्रा और पर्यटन के लिए, स्टूडेंट वीजा (F-1) – अध्ययन के लिए वर्क वीजा (H-1B/L-1) – रोजगार के लिए और बिजनेस वीजा – व्यापारिक उद्देश्यों के लिए  शामिल हैं।

कौन-कौन से देश इस फीस से मुक्त रहेंगे

वीजा वेवर प्रोग्राम (VWP) देशों के नागरिक इस अतिरिक्त शुल्क से मुक्त रहेंगे। इनमें शामिल हैं ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूरोपीय संघ के देश इसके अलावा, कनाडा पर भी यह शुल्क लागू नहीं होगा।

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रिफंड की शर्तें और प्रक्रिया

अगर कोई स्टूडेंट, टूरिस्ट, बिजनेस या वर्क वीजा धारक अमेरिकी वीजा नियमों का पालन करता है और ओवरस्टे नहीं करता, तो वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद रिफंड संभव है। हालांकि, रिफंड की प्रक्रिया काफी जटिल हो सकती है। इसलिए इसे नॉन-रिफंडेबल मानकर ही योजना बनानी चाहिए।

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अमेरिका ने यह कदम क्यों उठाया

अमेरिका ने इस शुल्क को लागू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य स्पष्ट किया है:

  1. वीजा ओवरस्टे और धोखाधड़ी को रोकना
  2. बॉर्डर सिक्योरिटी फंडिंग के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना
  3. अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करना

 

 

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